डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर की डेडलाइन तय करने से ठीक पहले ईरान ने एक और खतरनाक मिसाइल का परीक्षण किया है, जो अमेरिका तक पहुंचने की क्षमता रखता है. खोर्रमशहर-5 नामक इस मिसाइल को ईरान की सबसे खतरनाक मिसाइल माना जा रहा है, जो अब पश्चिमी देशों के लिए एक नया सुरक्षा संकट उत्पन्न कर सकता है.
खोर्रमशहर-5: एक खतरनाक मिसाइल
खोर्रमशहर-5 मिसाइल का नाम ईरान के एक प्रमुख शहर, खोर्रमशहर के नाम पर रखा गया है. इस मिसाइल को ईरान का सबसे उन्नत और सटीक हथियार माना जा रहा है. इसकी मारक क्षमता करीब 12,000 किलोमीटर तक है, और इसमें 2 टन का वॉरहेड है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है. इसकी गति 16 मैक (MACH) तक पहुंच सकती है, जिससे यह अपनी मंजिल तक बेहद तेजी से पहुँचता है.
मेहर न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने पहले तो खोर्रमशहर सीरीज़ के अन्य मिसाइलों का सार्वजनिक रूप से प्रक्षेपण किया था, लेकिन खोर्रमशहर-5 का परीक्षण चुपचाप किया गया. इस मिसाइल का मुख्य उद्देश्य अमेरिका को लक्षित करना माना जा रहा है, और इसकी ताकत यह सिद्ध करती है कि ईरान अब अपने सैन्य सामर्थ्य को नए स्तर पर ले आया है.
खोर्रमशहर-5 का प्रभाव
खोर्रमशहर-5 मिसाइल तेहरान से लॉन्च होने के बाद अमेरिका तक महज 36 मिनट में पहुंच सकती है, क्योंकि तेहरान और अमेरिका के बीच की दूरी करीब 11,000 किलोमीटर है. इस लिहाज से, ईरान अब ऐसे हथियार से लैस हो चुका है जो किसी भी समय अमेरिकी धरती पर हमला कर सकता है.
हाल ही में, इज़राइल के साथ संघर्ष के दौरान, ईरान ने अपनी मिसाइलों से कई इजरायली शहरों को तबाह कर दिया था. यह घटना साबित करती है कि ईरान अब मिसाइल टेक्नोलॉजी में कितनी तेजी से प्रगति कर रहा है, और खोर्रमशहर-5 इसके सबसे बड़े उदाहरणों में से एक है.
ईरान का दावा है कि खोर्रमशहर-5 का वॉरहेड 2 टन का है, जो अमेरिकी बंकर बस्टर बम के समान है. अमेरिकी बंकर बस्टर बम ने 2025 में ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और सैन्य अफसर मारे गए थे.
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी दबाव
वर्तमान में, ईरान को 30 अगस्त तक का समय दिया गया है, ताकि वह अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को लेकर अमेरिका से बातचीत करे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने 30 अगस्त तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो अमेरिका अपनी तरफ से कोई बड़ा फैसला ले सकता है.
अमेरिका ने ईरान से शून्य संवर्धन की मांग की है, जबकि ईरान का कहना है कि वह परमाणु हथियार नहीं बनाएगा, लेकिन संवर्धन को शून्य स्तर पर नहीं ले जाएगा. जानकारी के अनुसार, ईरान के पास वर्तमान में करीब 400 किलो ग्राम यूरेनियम है, और यह उसे एक परमाणु हथियार बनाने की दिशा में मदद कर सकता है.
संभावित परिणाम
ईरान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल परीक्षणों को लेकर अमेरिका की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. वहीं, ईरान अपनी सुरक्षा और स्वायत्तता को लेकर लगातार पश्चिमी देशों के दबाव का सामना कर रहा है. अमेरिका और ईरान के बीच यह तनाव और भी बढ़ सकता है, और यह वैश्विक सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है.
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