अमेरिका का B-2 बॉम्बर भी फेल, चीन बना रहा ऐसा शिकारी जो गायब होकर करेगा हमला; थर्रा उठेंगे ट्रंप!

    दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाएं अब केवल परंपरागत युद्ध की तैयारी नहीं कर रहीं, बल्कि भविष्य के "इंटेलिजेंट वॉरफेयर" के लिए भी खुद को तैयार कर रही हैं.

    America B2 bomber failed China Trump
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    दुनिया की सबसे ताकतवर वायु सेनाएं अब केवल परंपरागत युद्ध की तैयारी नहीं कर रहीं, बल्कि भविष्य के "इंटेलिजेंट वॉरफेयर" के लिए भी खुद को तैयार कर रही हैं. ऐसी ही एक जंग अब आसमान में छिड़ गई है – अमेरिका के प्रसिद्ध B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर और चीन के नए रहस्यमय विमान J-36 के बीच.

    अमेरिका का B-2: अब तक का बेजोड़ बॉम्बर

    B-2 स्पिरिट, जिसे "फ्लाइंग विंग" और स्टील्थ बॉम्बर के नाम से जाना जाता है, अमेरिकी वायुसेना की वो ताकत है जिसने 1989 में पहली बार उड़ान भरी और तब से आज तक यह हर मिशन में अमेरिकी दबदबे का प्रतीक बना हुआ है. इस बॉम्बर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला कर सकता है.

    इस विमान की एक और खास बात है – इसकी लंबी दूरी की मारक क्षमता. यह बिना रुके लगातार 37 घंटे तक उड़ान भर सकता है और हवा में ही ईंधन भर सकता है. इसके दो पायलट होते हैं और यह करीब 18,000 किलोग्राम तक बम व मिसाइलें अपने साथ ले जा सकता है – जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं.

    चीन का J-36: नया खिलाड़ी, लेकिन इरादे पुराने नहीं

    अब अमेरिका की इस बढ़त को चुनौती देने के लिए चीन ने एक रहस्यमय विमान पेश किया है, जिसका नाम है J-36. पहली बार इसे दिसंबर 2024 में देखा गया, जब इसकी कुछ तस्वीरें इंटरनेट पर सामने आईं. हालांकि अब तक यह विमान आधिकारिक रूप से दुनिया के सामने नहीं आया है, लेकिन जो कुछ जानकारी लीक हुई है, वह बताने के लिए काफी है कि चीन अब सिर्फ ताकत दिखाने की बात नहीं कर रहा, बल्कि तकनीक के स्तर पर मुकाबले में उतर चुका है.

    इस विमान को "गिंगको लीफ" (Ginkgo Leaf) कोडनेम दिया गया है और इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन ने तैयार किया है. यह देखने में J-20 जैसा है, लेकिन इसके विंग ज्यादा फैले हुए हैं, जिससे यह ज्यादा ईंधन और हथियार ले जा सकता है. इसकी लंबाई करीब 65.6 फीट बताई जा रही है, और इसका डेल्टा विंग व टेललेस डिजाइन इसे स्टील्थ बनाता है.

    J-36 बनाम B-2: क्या कहती है तुलना?

    • स्टील्थ क्षमता: B-2 की तरह J-36 भी बिना टेल वाला है, जिससे यह रडार की पकड़ से बच सकता है.
    • इंजन: J-36 में तीन WS-10C Taihang इंजन हैं, जो J-20 में भी इस्तेमाल हो चुके हैं. भविष्य में इसे और शक्तिशाली WS-15 इंजन से भी अपग्रेड किया जा सकता है.
    • भूमिका: B-2 पूरी तरह से रणनीतिक बॉम्बर है जो परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार ले जा सकता है, जबकि J-36 को एक मल्टी-रोल स्टील्थ फाइटर के रूप में देखा जा रहा है – जो न सिर्फ बमबारी कर सकता है बल्कि ड्रोन कमांड और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे आधुनिक कामों में भी सक्षम हो सकता है.

    J-36 में क्या है नया?

    रिपोर्ट्स की मानें तो J-36 में एक दो सीटों वाला कॉकपिट है, जो रूसी Su-34 और B-2 जैसे बमवर्षकों की याद दिलाता है. इसके पास एक बड़ा आंतरिक वेपन कंपार्टमेंट है जिसमें 6 से 8 लंबी दूरी की मिसाइलें फिट हो सकती हैं. इसके अलावा दोनों किनारों पर छोटे कंपार्टमेंट भी हैं जो हल्के हथियारों के लिए हैं.

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