Amit Shah on Waqf Amendment Bill: लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोरदार बहस की. उन्होंने कहा कि इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना और पारदर्शिता लाना है. शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए कुछ दल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह विधेयक दीर्घकालिक रूप से समुदाय के ही हित में है.
वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और संरक्षण पर जोर
अमित शाह ने कहा कि वक्फ एक धार्मिक प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद प्रशासनिक निकाय हैं और इन्हें पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित किया जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों ने इन निकायों को मनमाने ढंग से काम करने की छूट दी, जिससे कई बहुमूल्य संपत्तियां औने-पौने दामों में किराए पर दी गईं. इस विधेयक के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग हो और उनका लाभ सही लोगों को मिले.
कांग्रेस सरकार के फैसलों पर सवाल
शाह ने 2013 में किए गए वक्फ कानून संशोधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला राजनीतिक लाभ के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि 2014 के आम चुनाव से ठीक पहले, कांग्रेस सरकार ने कई महत्वपूर्ण संपत्तियां वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दी थीं, जिसमें दिल्ली के वीवीआईपी इलाकों की 123 संपत्तियां भी शामिल थीं. उन्होंने यह भी दावा किया कि तमिलनाडु में प्राचीन तिरुचेंदुरई मंदिर की 400 एकड़ जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया, जिससे धार्मिक और सामाजिक विवाद पैदा हो गए.
वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन में बदलाव
इस विधेयक के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कोई भी गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड में शामिल न हो, लेकिन बोर्ड का संचालन पूरी पारदर्शिता से हो. शाह ने कहा कि कई राज्यों में वक्फ बोर्डों ने हजारों एकड़ जमीन व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए सस्ते किराए पर दी है, जिससे वक्फ संपत्तियों की वास्तविक कीमत का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस संशोधन से ऐसे सौदों पर लगाम लगेगी और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा बढ़ेगी.
विपक्ष की आलोचना और सरकार की प्रतिबद्धता
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें इस विधेयक के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस विधेयक से किसी भी मुस्लिम व्यक्ति की धार्मिक स्वतंत्रता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और न्यायसंगत उपयोग को सुनिश्चित करेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में संविधान का राज है और इस कानून को सभी को स्वीकार करना होगा.
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