Waqf Amendment Bill 2025: लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया. इस दौरान देखा गया कि पक्ष और विपक्ष के बीच बहस जोरदार बहस हुई. बिल जैसे ही पेश किया विपक्ष ने इसपर आपत्ति जताई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आवाज उठाई और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. हालांकि इस बीच बेजीपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी सदन में वक्फ बिल पर संबोधित किया. उन्होंने विपक्ष पर कई आरोप लगाए हैं. आइए जानते हैं.
किसी धर्म के खिलाफ नहीं
इस बिल पर चर्चा करते हुए बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है. इस बदलाव से मुस्लिम समुदाय के लोगों की भलाई होगी. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बिल तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करेगा. वहीं ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर भी बात की और कहा कि ट्रिपल तलाक से मुस्लिम महिलाओं को न्याय इस सरकार में दिलाया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक महत्वपूर्ण कानून लाई सीएए जो काफी अहम कदम है.
बिल से मिलेगा न्याय
सदन में विपक्ष पर बरसते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने केवल वोट बैंक के लिए संविधान का सौदा किया है. लेकिन अब यह बिल लाया गया है जो जिससे लोगों को न्याय मिलेगा. भाजपा सांसद का कहना है कि अगर किसी को न्याय मिल रहा है तो इसपर विरोध करने का कोई मतलब नहीं बनता है. हालांकि इस दौरान उन्होंने ये साफ किया कि ये विधेयक किसी भी धर्म के खिलाफ में नहीं है.
खाता न बही जो वक्फ कहे वही सही
इस बिल को लेकर भाजपा सांसद ने कहा कि इस विधेयक से उम्मीद एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तिकरण, दक्षता और विकास की है. इस बिल से उम्मीद सशक्तिकरण, दक्षता और विकास की है. इसलिए लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, चर्च ऑफ भारत, केरल काउंसिल ऑफ चर्चेस और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे कई संगठनों ने इसका समर्थन किया है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि मैं उनके इस समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद करता हूं. भाजपा सांसद ने कहा कि अब वक्फ में संशोधन का समय आ गया है. इसलिए क्योंकि यह अत्याचार और भ्रष्टाचार का एक अड्डा बन गया है. इसलिए इसे खत्म करने और इसमें बदलाव करने का अब समय आ चुका है. वहीं अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में बने वक्फ का मतलभ था 'खाता न बही, जो वक्फ कहे वही सही'.