F-35 से भी खतरनाक वेपन, 100 दुश्‍मन ड्रोन हो जाएंगे नेस्तनाबूद; अमेरिका से खौफ खाएगा चीन

कैलिफोर्निया के टोरेंस शहर में स्थित कंपनी एपिरस ने एक खास हथियार विकसित किया है, जिसे लियोनिडस नाम दिया गया है.

F-35 100 enemy drones will be destroyed China will be afraid of America
प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

वाशिंगटनः हाल के समय में युद्ध क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ा है. ड्रोन को एक प्रभावी हथियार के रूप में पेश किए जाने के बीच, एक अमेरिकी कंपनी ने एक महत्वपूर्ण दावा किया है. कैलिफोर्निया के टोरेंस शहर में स्थित कंपनी एपिरस ने एक खास हथियार विकसित किया है, जिसे लियोनिडस नाम दिया गया है. यह एक हाई-पावर माइक्रोवेव (HPM) वेपन है, जिसे खासतौर पर ड्रोन को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. कंपनी का दावा है कि यह हथियार एक बार में 100 ड्रोन के झुंड को गिरा सकता है. अगर यह दावा सही साबित होता है, तो इससे युद्ध के तरीके में बड़ा बदलाव आ सकता है.

एक साथ कई ड्रोन को निशाना बना सकता है

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लियोनिडस एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) छोड़ता है, जिससे ड्रोन निष्क्रिय हो जाते हैं. यह हथियार एक साथ कई ड्रोन को निशाना बना सकता है. लियोनिडस सिस्टम को एक तरह की "शील्ड" के रूप में बताया जा रहा है, जो न केवल ड्रोन को नष्ट कर सकता है, बल्कि यह जमीन पर चलने वाले वाहनों और समुद्री जहाजों के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर भी हमला कर सकता है.

कंपनी का कहना है कि युद्ध के तरीके में ड्रोन एक बड़ा खतरा बन गए हैं. ड्रोन बहुत तेजी से उड़ते हैं और उनकी संख्या भी अधिक होती है, जिससे पारंपरिक हथियार जैसे मिसाइल या एंटी-एयरक्राफ्ट गन उनके खिलाफ प्रभावी नहीं होते. लियोनिडस सिस्टम डायरेक्टेड एनर्जी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, जिससे यह कई ड्रोन को एक साथ नष्ट कर सकता है. इसके अलावा, यह कम खर्च में बार-बार काम कर सकता है.

HPM तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण

यह सिस्टम HPM (हाई-पावर माइक्रोवेव) तकनीक का इस्तेमाल करता है, जो 300 MHz से 300 GHz तक की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें उत्पन्न करता है. ये तरंगें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में करंट भेजती हैं, जिससे ड्रोन के सर्किट खराब हो जाते हैं. HPM तकनीक एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है, इसलिए यह कई ड्रोन या उनके झुंड को एक साथ नष्ट कर सकती है.

लियोनिडस सिस्टम एपिरस की सॉलिड-स्टेट HPM तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. हालांकि कंपनी ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन इसके सिद्धांतों और उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इसमें सॉलिड-स्टेट एम्पलीफायर होते हैं, जो माइक्रोवेव सिग्नल उत्पन्न करते हैं और इन्हें एंटीना के जरिए भेजा जाता है. इसके बाद ऑपरेटर HPM बीम को किसी खास स्थान पर निशाना बना सकते हैं.

लियोनिडस प्लेटफॉर्म में एडवांस टारगेटिंग और कंट्रोल सिस्टम होते हैं, जिनमें रडार या ऑप्टिकल सेंसर होते हैं, जो ड्रोन को ट्रैक करते हैं. इसमें सॉफ्टवेयर भी है, जो यह तय करता है कि किस ड्रोन को पहले निशाना बनाना है. यह सिस्टम तेजी से काम करता है क्योंकि HPM बीम प्रकाश की गति से फैलता है. इसके अलावा, यह अपने और दुश्मन के ड्रोन के बीच अंतर भी पहचान सकता है, जिससे गलती से अपने ड्रोन को नष्ट करने का खतरा कम हो जाता है.

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