Amit Shah: राजधानी दिल्ली में भाजपा की जीत हुई और राज्य के लिए कई बड़े कार्य करना शुरू भी हो चुका है. पार्टी लगातार बदलाव लाने के लिए कई प्रयासों में जुटी हुई है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि दिल्ली में कमल खिल गया है. दरअसल दिल्ली में बीजेपी के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए अमित शाह ने यह बड़ा बयान दिया है.
आयुष्मान योजना पर कर रहे थे चर्चा
लोकसभा में अमित शाह अयुष्मान भारत योजना पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बड़ा बयान दिया और कहा कि दिल्ली में तो कमल खिल गया है और आयुष्मान भारत दिल्ली में भी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है. चुनाव के बाद जब कमल खिलेगा और आयुष्मान भारत योजना वहां भी लाई जाएगी.
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त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पर क्या बोले शाह
इस समय लोकसभा में त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी बिल 2025 पर चर्चा चल रही है. सदन की कार्यवाही में अमित शाह ने सवालों का जिवाब दिया. शाह ने कहा कि उन्होंने कहा, 'इस सदन में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर लगभग 3 घंटे से चर्चा चल रही है. हर गांव में कोई न कोई इकाई ऐसी है जो सहकारिता के माध्यम से कृषि विकास, ग्रामीण विकास और स्वरोजगारी के काम में जुटी हुई है और देश की प्रगति में योगदान दे रही है.
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा, "... दिल्ली में भी कमल खिल गया है और अब आयुष्मान भारत दिल्ली में भी है... अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है, चुनाव के बाद वहां भी कमल खिलेगा और आयुष्मान भारत योजना पश्चिम बंगाल में भी आएगी..."
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 26, 2025
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क्या है त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यलय बिल?
इस बिल को लोकसभा में 3 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था. इस बिल का मकसद है कि भारत में एक सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए. इसी के साथ इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य सहकारिता के सिद्धांतो पर आधारित शिक्षा, शोध और नवाचार को बढ़ावा देना है. पास हुए इस बिल के अनुसार यह यूनिवर्सिटीॉ ग्रामीण विकास, कृषि, सेल्फ एंप्लॉयमेंट, लघु उद्योग और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में शिक्षा और ट्रेनिंग प्रदान करेगा.
मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
क्योंकि इस बिल पर चर्चा हो रही थी. केंद्रीय ग्रह मंत्री ने बताया कि इस बिल के पारित होने के बाद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. यहां तक स्वरोजगार और लघु उद्यमिता का विकास होगा. सामाजिक समावेश बढ़ेगा. साथ ही नवाचार और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करने के अवसर मिलेंगे. अमित शाह बोले कि ये मेरे लिए सम्मान की बात है कि आज सदन में मैं इस बिल को प्रस्तुत कर रहा हूं. इस सहकारी विश्वविद्यालय का विचार आने के बाद जब इसके नामकरण का प्रश्न आया तो इसका नाम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय रखने का निर्णय लिया गया.