प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित दीक्षाभूमि पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा बुद्ध की पूजा की और डॉ. बीआर आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उनके साथ मौजूद थे. दीक्षाभूमि वह स्थान है जहां डॉ. आंबेडकर और उनके अनुयायियों ने 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया था.
दलितों के लिए विशेष महत्व
यह स्थान दलितों के लिए विशेष महत्व रखता है और यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग आकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. दीक्षाभूमि में डॉ. आंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म अपनाने की परंपरा पिछले कई दशकों से जारी है, और इसे धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
#WATCH | Nagpur | PM Narendra Modi visits Deekshabhoomi in Nagpur - the place where Dr BR Ambedkar and his followers embraced Buddhism. The Prime Minister offers prayers to Mahatma Buddha
— ANI (@ANI) March 30, 2025
Maharashtra CM Devendra Fadnavis is also present
(Source - ANI/DD) pic.twitter.com/Qoi7bOxOLP
एशिया का सबसे बड़ा स्तूप
दीक्षाभूमि का इतिहास भी खास है. यह एक केंद्रीय स्मारक है जो बौद्ध वास्तुकला से प्रेरित है और मध्य प्रदेश के सांची में स्थित सम्राट अशोक के प्रसिद्ध स्तूप की नकल है. इसे 18 दिसंबर 2001 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन द्वारा उद्घाटन किया गया था. यह एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है और नागपुर में स्थित है.
नागपुर, जिसे अब ग्रीन सिटी और ऑरेंज सिटी के नाम से जाना जाता है, को दीक्षाभूमि से वैश्विक पहचान मिली है. यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी श्रद्धा के साथ आते हैं और इस ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करते हैं.
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