पीएम मोदी से मिलना चाहते थे यूनुस, भारत ने नहीं दिया भाव तो चीन पहुंचे, बांग्लादेश में बढ़ेगा निवेश?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस इन दिनों चीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं. दिलचस्प बात यह है कि उनकी प्राथमिकता पहले भारत का दौरा करने की थी, लेकिन भारत सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद उन्होंने चीन की ओर रुख किया.

Yunus wanted to meet PM Modi when India did not pay heed he went to China will investment increase in Bangladesh
प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस इन दिनों चीन की आधिकारिक यात्रा पर हैं. दिलचस्प बात यह है कि उनकी प्राथमिकता पहले भारत का दौरा करने की थी, लेकिन भारत सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद उन्होंने चीन की ओर रुख किया. इस घटनाक्रम ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर नए राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे दिया है.

दिल्ली की चुप्पी और बीजिंग की मेजबानी

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि दिसंबर 2024 में बांग्लादेश सरकार ने भारत से संपर्क कर यूनुस की द्विपक्षीय यात्रा का अनुरोध किया था. यह प्रस्ताव उनकी चीन यात्रा से कुछ सप्ताह पहले भेजा गया था. हालांकि, दिल्ली से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने का विकल्प चुनना पड़ा.

शफीकुल आलम ने कहा: "हम भारत से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे थे. यूनुस साहब भारत-बांग्लादेश संबंधों को और मजबूत करना चाहते थे. दुर्भाग्य से, कोई उत्तर नहीं मिला."

यूनुस की इस यात्रा के दौरान बांग्लादेश में चीनी निवेश बढ़ाने पर बातचीत की जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे बीजिंग में चीनी निवेशकों से मिलकर उन्हें बांग्लादेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे और वहां अनुकूल कारोबारी माहौल देने का आश्वासन देंगे.

बांग्लादेश-चीन नजदीकियों पर बढ़ी चर्चा

चीन ने हाल ही में दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ अपनी कूटनीतिक सक्रियता बढ़ाई है. इससे पहले, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिसंबर 2024 में चीन का दौरा किया था. अब यूनुस की चीन यात्रा को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है.

प्रेस सचिव ने आगे बताया कि चीन से लौटने के बाद यूनुस बैंकॉक में होने वाले बिम्सटेक सम्मेलन (3-4 अप्रैल) में शामिल होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनुस की संभावित मुलाकात के लिए भारत को फिर से अनुरोध भेजा गया है और अब भारत के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

बांग्लादेश में चीनी निवेश को लेकर नया रुख

बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि दुनिया भर में चीनी निवेश को अलग-अलग नजरिए से देखा जाता है, लेकिन बांग्लादेश निजी चीनी निवेश को लेकर अधिक सकारात्मक रवैया अपनाने के लिए तैयार है.

यूनुस की चीन यात्रा के दौरान:

  • 28 मार्च को वे शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे.
  • पेकिंग विश्वविद्यालय में उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी जाएगी.
  • वे बोआओ फोरम फॉर एशिया सम्मेलन (BFA) में हिस्सा लेंगे.

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर?

यूनुस की भारत यात्रा को लेकर दिल्ली की चुप्पी और फिर चीन की सक्रियता कई राजनीतिक संकेत देती है. बांग्लादेश और भारत के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, लेकिन हाल के वर्षों में बांग्लादेश का चीन की ओर झुकाव देखने को मिला है.

अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत भविष्य में इस कूटनीतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए कदम उठाएगा, या फिर बांग्लादेश और चीन के बीच बढ़ती नजदीकियों को सिर्फ देखता रहेगा?

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