नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि उन्होंने हमेशा कांग्रेस नेता शशि थरूर के विचारों का सम्मान किया है, विशेष रूप से सरकार से जुड़े मामलों पर. यह बयान उन्होंने बिजनेस टुडे माइंडरश 2025 कार्यक्रम के दौरान दिया. इस दौरान उनसे कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ओर से मोदी सरकार की हालिया प्रशंसा के बारे में सवाल किया गया था.
जयशंकर ने कहा कि भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को निष्पक्ष दृष्टिकोण से समझा और उसका विश्लेषण किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने ईरान और इजराइल के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को संतुलित करने में भी सफलता पाई है.
थरूर ने की मोदी सरकार की सराहना
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में मोदी सरकार की विदेश नीति की सराहना की थी. उन्होंने कहा था कि भारत की स्थिति ऐसी है कि वह रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
थरूर ने कहा था, "भारत के पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो वोलोदिमिर जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन दोनों से संबंध बना सकता है. हमारा देश दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया जाता है, जो एक मजबूत कूटनीतिक स्थिति को दर्शाता है."
भारत की संतुलित विदेश नीति
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत ने मध्य पूर्व में भी एक कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा है. जब 2023 में हमास ने इजराइल पर हमला किया, तब भारत ने अपनी विदेश नीति में समग्र दृष्टिकोण अपनाया. भारत, इजराइल से रक्षा उपकरण खरीदता है, जबकि कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए ईरान पर निर्भर है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक नेताओं के साथ मजबूत कूटनीतिक समझ की भी प्रशंसा की, जिससे भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थिति और अधिक सुदृढ़ हुई है. जयशंकर ने कहा कि भारत ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति के तहत ‘विकसित भारत’ की दिशा में बढ़ रहा है.
थरूर और भाजपा नेताओं के साथ नजदीकी संबंध
हाल के दिनों में, शशि थरूर को कई बार भाजपा नेताओं के साथ बातचीत और मुलाकात करते देखा गया है.
25 फरवरी: थरूर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ चर्चा करने की बात कही.
23 फरवरी: उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात को देश के लिए सकारात्मक बताया.
कांग्रेस में थरूर की भूमिका पर सवाल
थरूर की पार्टी से असहमति की खबरें भी सामने आई हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान शिकायत की थी कि उन्हें संसद में प्रमुख बहसों में बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है. थरूर ने अपनी भूमिका को स्पष्ट करने की मांग की, लेकिन राहुल गांधी से उन्हें कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली. इससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी में उनकी स्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ है.
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