भारत का तेजस फाइटर जेट अब रफ्तार से भरेगा उड़ान, अमेरिका ने शुरू की GE इंजन की डिलीवरी

लंबे इंतजार के बाद अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस ने भारत को तेजस फाइटर जेट के लिए F404-IN20 इंजन सौंप दिया है. यह डिलीवरी भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण कार्यक्रम के लिए एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है.

Indias Tejas fighter jet will now fly faster America starts delivery of GE engines
तेजस फाइटर जेट/Photo- ANI

वॉशिंगटन: लंबे इंतजार के बाद अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस ने भारत को तेजस फाइटर जेट के लिए F404-IN20 इंजन सौंप दिया है. यह डिलीवरी भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण कार्यक्रम के लिए एक अहम उपलब्धि मानी जा रही है.

GE एयरोस्पेस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, "हमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 99 F404-IN20 इंजनों में से पहला इंजन सौंपने की खुशी है. यह न केवल भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि HAL और GE एयरोस्पेस के 40 वर्षों के मजबूत संबंधों को भी दर्शाता है."

तेजस के लिए इंजन में क्यों हुआ विलंब?

भारत को यह इंजन मिलने में काफी देरी हुई, जिससे तेजस फाइटर जेट प्रोजेक्ट पर असर पड़ा. भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने हाल ही में HAL से इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

माना जा रहा था कि जियो-पॉलिटिकल कारणों से GE एयरोस्पेस की ओर से इंजन की आपूर्ति में देरी हो रही थी. हालांकि, कंपनी ने बार-बार यह दावा किया कि ग्लोबल सप्लाई चेन में आई दिक्कतों की वजह से यह विलंब हुआ.

GE इंजन: क्या है इसकी खासियत?

GE एयरोस्पेस ने अपने बयान में कहा कि F404-IN20 इंजन दुनिया के सबसे सफल फाइटर जेट इंजनों में से एक है. यह भारत के सिंगल-इंजन फाइटर जेट्स के लिए खास तौर पर डिज़ाइन किया गया है.

इस इंजन की मुख्य विशेषताएं हैं—

  • बेहतर थ्रस्ट पावर
  • उच्च प्रवाह क्षमता वाला पंखा
  • सिंगल-क्रिस्टल टरबाइन ब्लेड
  • तेजस की जरूरतों के अनुरूप अनुकूलित डिजाइन

2008 में फ्लाइट टेस्ट के दौरान, इसी इंजन के साथ तेजस फाइटर जेट ने मैक 1.1 (आवाज की गति से अधिक) की स्पीड हासिल की थी.

भारत के लिए क्या है इसका महत्व?

  • तेजस Mk1A की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी
  • भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा
  • चीन और पाकिस्तान को मिलेगा कड़ा जवाब
  • 'मेक इन इंडिया' को मजबूती

HAL और GE एयरोस्पेस: साझेदारी का सफर

GE एयरोस्पेस और भारत की साझेदारी 1980 के दशक से चली आ रही है. 2004 में भारत ने तेजस LCA प्रोग्राम के लिए F404 इंजन को चुना था. साल 2016 तक GE ने HAL को 65 इंजन सौंपे, लेकिन इसके बाद नए ऑर्डर न मिलने के कारण F404-IN20 का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया था.

2021 में HAL ने 99 नए इंजन का ऑर्डर दिया, जिससे GE को पांच साल से बंद पड़ी उत्पादन लाइन को फिर से शुरू करना पड़ा. ग्लोबल सप्लाई चेन निष्क्रिय हो जाने के कारण यह काम आसान नहीं था, लेकिन अब इसकी डिलीवरी शुरू हो गई है.

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