रांची (झारखंड) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन शुक्रवार को रांची में एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित राज्य के अन्य भाजपा नेता मौजूद थे.
भाजपा में शामिल होने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के पूर्व दिग्गज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह में अपनी आस्था व्यक्त की.
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दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी में आया, पहले एक क्षेत्रीय पार्टी में था : चंपाई
सोरेन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे देश के पीएम और अमित शाह पर भरोसा है. मैं अब दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के साथ हूं. पहले मैं एक क्षेत्रीय पार्टी में था. जय श्री राम."
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब राज्य में इस साल के अंत में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं क्योंकि मौजूदा सरकार का कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है. भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है.
रामदास सोरेन, चंपाई सोरेन की जगह बने कैबिनेट मंत्री
बाद में हुए घटनाक्रम में, घाटशिला से जेएमएम विधायक रामदास सोरेन ने आज राज्य मंत्रिमंडल में चंपाई सोरेन की जगह राज्य कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
सोरेन ने 28 अगस्त को सभी पदों और जेएमएम की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वे 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे.
इससे पहले हेमंत सोरेन ने धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. 2 महीने से भी कम समय में, मामले में हेमंत सोरेन की जमानत के बाद उन्हें कुर्सी पर वापस लाने के लिए सोरेन को पद छोड़ना पड़ा.
27 अगस्त को चंपाई सोरेन ने राज्य में आदिवासियों के कल्याण के लिए भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा की.
झारखंड के विकास के बारे में चंपाई ने कही थी ये बात
सोरेन ने शुक्रवार को पार्टी में शामिल होने से पहले कहा था, "मैंने 18 अगस्त को ही अपने साथ हुई राजनीति के बारे में पोस्ट किया था. मैंने अपनी खून-पसीने से बनाई पार्टी में अपने साथ हुई राजनीति के बारे में पोस्ट किया था. मैं जेएमएम से अकेले ही बाहर आया था क्योंकि मेरा इरादा पार्टी को तोड़ने का नहीं था. कभी मुझे लगता था कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा, फिर मैंने सोचा कि मैं एक नया संगठन बनाऊंगा या अगर मुझे कोई साथी मिला तो मैं झारखंड की भलाई के लिए उनके साथ जुड़ जाऊंगा. हमें भाजपा के रूप में एक अच्छा साथी मिला है. हम पहले की तरह झारखंड के लिए लड़ेंगे. मैं झारखंड के विकास के लिए, आदिवासियों के अस्तित्व को बचाने के लिए काम करूंगा. हम झारखंड का विकास करेंगे."
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