यूक्रेन युद्ध के बीच फ्रांस की सेना ने मंगलवार से अपने परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का अभ्यास शुरू किया है, जिसे "पोकर 2025" नाम दिया गया है. इस अभ्यास में फ्रांस की सेना राफेल बी फाइटर जेट्स की मदद से ASMP-A मिसाइलों के जरिए परमाणु हमले की ट्रेनिंग करेगी. इसमें फ्रांस की सेना का रणनीतिक बल और 20 फाइटर जेट हिस्सा ले रहे हैं. इस अभ्यास को दो टीमों में बांटा गया है - ब्लू टीम और रेड टीम. ब्लू टीम विमान, एयर टैंकर और अवाक्स विमान की मदद से परमाणु बम गिराने की कोशिश करेगी, जबकि रेड टीम इस परमाणु हमले को रोकने की कोशिश करेगी.
फ्रांस के एयरबेस से उड़कर हमले का अभ्यास
फ्रांस यह अभ्यास ऐसे समय पर कर रहा है जब अमेरिका के साथ उसका तनाव बढ़ रहा है और रूस यूरोप को लगातार परमाणु हमले की धमकी दे रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने हाल ही में यूरोप को परमाणु सुरक्षा देने का प्रस्ताव रखा था, ताकि यूरोप अमेरिका पर कम निर्भर रहे. फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार, "पोकर" अभ्यास हर साल चार बार होता है, लेकिन इस बार यह खास है. पहले यह अभ्यास केवल रात के समय होता था, लेकिन इस बार इसे दिन में भी किया जा रहा है. इससे पहले 2021 में पोकर अभ्यास को दिन में किया गया था.
अधिकांश समय "पोकर" अभ्यास में वही परिदृश्य होता है. इसमें फ्रांस के परमाणु बम गिराने में सक्षम राफेल और मिराज फाइटर जेट्स और एयर टैंकर शामिल होते हैं. ये विमान फ्रांस के एयरबेस से उड़कर हमले का अभ्यास करते हैं. ये विमान उच्च ऊंचाई पर उड़ते हुए दुश्मन की ओर बढ़ने का अभ्यास करते हैं. इस दौरान ब्लू टीम के विमान रेड टीम के एयर डिफेंस को हराने की कोशिश करते हैं. इस अभ्यास में शक्तिशाली जैमिंग तकनीक और SAMP/T एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया जाता है. ब्लू टीम दुश्मन के कमांड पोस्ट पर हमले करने के लिए स्कैल्प क्रूज मिसाइल का उपयोग करती है, जिसका जवाब रेड टीम राफेल फाइटर की मदद से देती है.
थर्मोन्यूक्लियर बम को ASMP-A मिसाइल से गिराने की ट्रेनिंग
इस अभ्यास में एक थर्मोन्यूक्लियर बम को ASMP-A मिसाइल से गिराने की ट्रेनिंग भी की जाती है. लक्ष्य शहर 500 किलोमीटर दूर होता है. फ्रांस नियमित रूप से इस मिसाइल की ताकत का परीक्षण करता है, जिसकी मारक क्षमता 600 किलोमीटर तक है. फ्रांस एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है और उसके पास 290 परमाणु बम हैं, जिनमें से 280 तैनात हैं, बाकी रिजर्व में रखे गए हैं. फ्रांस के पास अपना खुद का परमाणु बम कार्यक्रम और उसे दागने की क्षमता है, जो उसे अमेरिका पर निर्भर होने से मुक्त करता है.
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