अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इन दिनों अपने चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं. सोमवार सुबह उनका विमान जब दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, तो उनका सैन्य सम्मान (गार्ड ऑफ ऑनर) के साथ स्वागत किया गया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की.

यात्रा के पहले दिन की सबसे अहम मुलाकात रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति वेंस के बीच, जो शाम को प्रधानमंत्री आवास पर हुई. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) में प्रगति की सराहना की और ऊर्जा, रक्षा तथा तकनीकी सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को और मज़बूत करने की प्रतिबद्धता जताई.
ट्रंप की यात्रा का इंतजार
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुभकामनाएं दीं और बताया कि वे इस साल के अंत में ट्रंप की प्रस्तावित भारत यात्रा का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि जेडी वेंस, जो अपनी भारतीय मूल की पत्नी उषा चिलुकुरी वेंस और परिवार के साथ आए हैं, पिछले 12 वर्षों में भारत आने वाले पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं. उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर आयात शुल्क लगाने के अपने फैसले को अस्थायी रूप से स्थगित किया है.
रात्रिभोज का भी आयोजन
वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है, जिसमें टैरिफ, ट्रेड बैलेंस और मार्केट एक्सेस जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. हाल ही में अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने भारत दौरे में इस मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की थी.
Pleased to welcome US @VP @JDVance and his family in New Delhi. We reviewed the fast-paced progress following my visit to the US and meeting with President Trump. We are committed to mutually beneficial cooperation, including in trade, technology, defence, energy and… pic.twitter.com/LRNmodIZLB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
वेंस का यह दौरा केवल रणनीतिक पहलुओं तक सीमित नहीं है. वे अपने परिवार के साथ जयपुर और आगरा की यात्रा भी करेंगे, जिससे यह दौरा सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रतीक भी बन रहा है.
पीएम मोदी ने वेंस, उनकी पत्नी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन भी किया है. अमेरिका चाहता है कि भारत तेल, गैस और रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाए ताकि भारत के पक्ष में चल रहे लगभग 45 अरब डॉलर के व्यापार घाटे को संतुलित किया जा सके.
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