बांग्लादेश की धरती एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंसा की चपेट में आ गई है. इस बार निशाना बने हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता — भाबेश चंद्र रॉय. अपहरण के बाद उनकी हत्या ने न केवल पूरे देश को झकझोर दिया है, बल्कि यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय फलक पर चिंता का विषय बन चुका है.
भारत ने धो डाला
भारत सरकार ने इस जघन्य वारदात पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने इसे बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लंबे समय से जारी व्यवस्थित उत्पीड़न की एक और कड़ी बताया. भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह सभी समुदायों, खासकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे—बिना किसी बहाने और भेदभाव के. साथ ही, भारत ने उन पुरानी घटनाओं का भी ज़िक्र किया जिनमें अपराधी अब तक बिना सज़ा के खुले घूम रहे हैं.
अमेरिका में भी एक्शन
इस सनसनीखेज मामले के बीच अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और बांग्लादेश की यात्रा कर रहे अपने नागरिकों के लिए कड़ी चेतावनी जारी की है. अमेरिकी विदेश विभाग ने बांग्लादेश के चटगांव हिल ट्रैक्ट्स क्षेत्र को लेकर लेवल 4 अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि वहां अपहरण, आतंकवाद और साम्प्रदायिक हिंसा का खतरा गंभीर है. अमेरिकी नागरिकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इस क्षेत्र की यात्रा से परहेज करें.
खागराचारी, रंगमती और बांदरबन जैसे इलाके, जो कि चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में आते हैं, पहले से ही साम्प्रदायिक तनाव और अलगाववादी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. रिपोर्टों के अनुसार, हाल के वर्षों में यहां न सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है, बल्कि राजनीतिक हिंसा और आतंकी घटनाओं में भी इज़ाफा हुआ है.
अमेरिकी दूतावास ने कर्मचारियों पर नई पाबंदियां लगाईं
उधर, बांग्लादेश में अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों पर भी नई पाबंदियां लगाई हैं. अब उन्हें राजधानी ढाका के राजनयिक क्षेत्र से बाहर जाने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी. ढाका से बाहर की यात्रा को ‘गंभीर सुरक्षा जोखिम’ मानते हुए सीमित किया गया है. अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी माना कि ढाका से बाहर आपातकालीन सहायता देने की उनकी क्षमता सीमित है.
ये भी पढ़ेंः हिमाचल प्रदेश: चीफ सेक्रेटरी ने मनाया होली का जश्न, सरकार के खाते में भेज दिया बिल; BJP ने क्या कहा?