'हमने अमेरिकी ठिकानों को खाक में मिला दिया', भारत में ईरानी राजदूत ने ट्रंप को दे दी खुली धमकी

    ईरान ने कतर और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी थीं, जो ईरान के मुताबिक, अमेरिका द्वारा उसके परमाणु केंद्रों पर किए गए हमले की प्रतिक्रिया थी.

    We destroyed American bases Iranian ambassador to India openly threatens Trump
    डोनाल्ड ट्रंप | Photo: ANI

    मध्य पूर्व में लगातार बढ़ते तनाव और सैन्य गतिविधियों के बीच आखिरकार इजरायल और ईरान के बीच पिछले 12 दिनों से जारी संघर्ष थम गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की पुष्टि करते हुए सोमवार को यह जानकारी दी. खास बात यह रही कि कुछ ही घंटे पहले ईरान ने कतर और इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी थीं, जो ईरान के मुताबिक, अमेरिका द्वारा उसके परमाणु केंद्रों पर किए गए हमले की प्रतिक्रिया थी.

    भारत में तैनात ईरान के राजदूत डॉ. इराज इलाही ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के सैन्य अड्डों पर ईरानी हमले को "ऐतिहासिक और अभूतपूर्व" करार दिया. इंडिया टुडे को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान को पहले से अंदेशा था कि अमेरिका इस संघर्ष में हस्तक्षेप कर सकता है, और इसी के अनुरूप उसने अपनी रणनीति तैयार की थी.

    "अगर अमेरिका दोहराएगा हमला, तो जवाब भी दोहराया जाएगा"

    राजदूत इलाही ने दो टूक शब्दों में कहा, "इतिहास में पहली बार किसी देश ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को सीधे निशाना बनाया है, और वह देश है ईरान. यह एक प्रतीकात्मक चेतावनी थी, लेकिन अगर अमेरिका ने अपनी कार्रवाई दोहराई, तो हम भी वैसा ही जवाब देंगे."

    ईरान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में कतर और इराक स्थित अमेरिकी एयरबेसों को टारगेट किया गया. हालांकि, इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ क्योंकि अधिकतर मिसाइलों को रास्ते में ही इंटरसेप्ट कर लिया गया था. ईरान की यह प्रतिक्रिया अमेरिका द्वारा उसके तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में थी, जिन्हें ट्रंप प्रशासन ने "सफल और निर्णायक" करार दिया था.

    ईरान की इजरायल को चेतावनी, नेतन्याहू को बताया 'अविश्वसनीय'

    युद्धविराम की घोषणा के बावजूद ईरान ने इजरायल को साफ चेतावनी दी है कि अगर फिर कोई उकसावे वाली कार्रवाई हुई, तो जवाब और भी सख्त होगा. राजदूत इलाही ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "वह न विश्वसनीय हैं और न ही अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करते हैं. उन्होंने आम नागरिकों, एंबुलेंस और अस्पतालों तक को निशाना बनाया."

    क्या यह संघर्ष वास्तव में थमा है?

    भले ही युद्धविराम की घोषणा हो चुकी है, लेकिन राजनयिक स्तर पर जारी बयानबाज़ी से यह साफ है कि तनाव पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. ईरान ने एक बार फिर यह संकेत दे दिया है कि वह अपनी सुरक्षा और जवाबी क्षमता को लेकर किसी भी स्तर पर पीछे हटने को तैयार नहीं है.

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