दिल्ली में बाहर से आने वाली गाड़ियों पर होगा एक्शन? रेखा गुप्ता ने बना लिया ये प्लान

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली आने वाली बाहरी राज्यों की गाड़ियों की एंट्री पर कड़े नियम लागू किए जाएंगे.

action on vehicles coming from outside Delhi Rekha Gupta has made this plan
रेखा गुप्ता | Photo: X/Rekha Gupta

दिल्ली की बीजेपी सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घोषणा की कि दिल्ली आने वाली बाहरी राज्यों की गाड़ियों की एंट्री पर कड़े नियम लागू किए जाएंगे. इसके तहत, गाड़ियों की बॉर्डर पर जांच की जाएगी, ताकि प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को दिल्ली में प्रवेश से रोका जा सके.

विधानसभा के बजट सत्र में कैग रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान, सीएम रेखा गुप्ता ने विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि जब भी इस रिपोर्ट पर चर्चा होती है, वे कोई बहाना बनाकर सदन से बाहर चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में और बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों की निगरानी की जाएगी. वर्तमान में दिल्ली में गाड़ियों की निगरानी के लिए कोई ठोस नीति और पर्याप्त स्टाफ नहीं है, इसलिए एक नई पॉलिसी बनाई जाएगी, जिसमें जरूरी सर्टिफिकेट और नियम लागू किए जाएंगे.

दिल्ली में फिलहाल 6484 बसें

सीएम ने यह भी बताया कि दिल्ली में फिलहाल 6484 बसें चल रही हैं, जबकि 11,000 बसों की आवश्यकता है. इनमें से 3000 बसें जल्द ही सेवा से बाहर हो जाएंगी. इसलिए, सरकार ने 2800 नई इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है. इस साल के अंत तक दिल्ली में 5500 बसें उपलब्ध हो जाएंगी और दिसंबर 2026 तक पूरी आवश्यकता को पूरा किया जाएगा.

ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2026 तक 18,000 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन और 30,000 निजी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी, जिससे दिल्ली में कुल 48,000 चार्जिंग स्टेशन हो जाएंगे. इसके साथ ही, सरकार पुरानी गाड़ियों पर कड़े नियम लागू करेगी. दिल्ली में ट्रैफिक और प्रदूषण पर नजर रखने के लिए 500 नए कैमरे लगाए जाएंगे. ये कैमरे पीपीपी मॉडल पर स्थापित होंगे. इसके अलावा, आईएसबीटी बस डिपो को शहर से बाहर ट्रांसफर करने की योजना भी बनाई जा रही है, ताकि ट्रैफिक जाम की समस्या को हल किया जा सके.

12 महीने की प्रदूषण नियंत्रण योजना

दिल्ली सरकार अब 12 महीने की प्रदूषण नियंत्रण योजना बना रही है, जिसमें 1000 वॉटर स्प्रिंकलर मशीनें और 70 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें शामिल होंगी. इस योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. वर्तमान में दिल्ली में 40 एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 46 की जाएगी. कंस्ट्रक्शन वेस्ट के लिए 5000 टन की क्षमता को बढ़ाकर 6000 टन किया जाएगा. इसके अलावा, सरकार लैंडफिल साइटों का समाधान निकालने और इको पार्क बनाने का भी लक्ष्य रख रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली को हरित बनाने के लिए आम जनता की मदद से 70 लाख नए पौधे लगाए जाएंगे. इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिजली कटौती के नाम पर कैंडल लाइट डिनर करना गलत तरीका है, जबकि उनकी सरकार सकारात्मक सोच के साथ काम कर रही है.

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