Azam Khan Conviction: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं. मध्य प्रदेश की एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड मामले में दोषी करार दिया है और उन्हें सात साल की सजा सुनाई है. यह फैसला सुनाए जाने से पहले आजम खान और उनके बेटे अदालत में उपस्थित हुए. इस मामले की सुनवाई के दौरान बीजेपी के विधायक आकाश सक्सेना भी कोर्ट पहुंचे.
यह मामला अब्दुल्ला आजम द्वारा दो अलग-अलग जन्म तिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ा हुआ है. आरोप के अनुसार, अब्दुल्ला आजम के एक पैन कार्ड में जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि दूसरे में 30 सितंबर 1990 लिखी गई है. बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने 2019 में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि आजम खान ने अपने बेटे के इस कृत्य में मदद की और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. इसके बाद से यह मामला कोर्ट में लंबित था और हाल ही में फैसला सुनाया गया.
#WATCH | Rampur, UP | Samajwadi Party leader Azam Khan reaches the court ahead of the verdict in the case involving two PAN cards of former SP MLA Abdullah Azam pic.twitter.com/cXPzrHgRw9
— ANI (@ANI) November 17, 2025
हाल ही में हुई कानूनी हलचल
आजम खान के लिए यह समय पहले से ही चुनौतीपूर्ण रहा है. लगभग दो महीने पहले ही वे जेल से बाहर आए थे. जेल से रिहाई के बाद से ही उनके कई मामले चर्चा में रहे. हाल ही में आजम खान के खिलाफ हेट स्पीच मामले की सुनवाई भी हुई थी, जिसमें उन्हें बरी कर दिया गया. लेकिन पैन कार्ड मामले में उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं और अदालत ने उन्हें सजा सुनाई है.
आजम खान और उनके परिवार पर दर्ज अन्य मामले
आजम खान पर सिर्फ पैन कार्ड मामला ही नहीं, बल्कि कई अन्य मामले भी दर्ज हैं. कुल मिलाकर उनके खिलाफ 104 केस चल रहे हैं. उनके बड़े बेटे अदीब आजम पर 20 से अधिक मामले दर्ज हैं, जबकि छोटे बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ लगभग 40 मामले चल रहे हैं. आजम खान की पत्नी भी कानूनी जटिलताओं से मुक्त नहीं हैं और उनके खिलाफ 30 मामले दर्ज हैं. इनमें से कुछ मामलों में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया है, जबकि कई मामलों की सुनवाई अभी जारी है.
कानूनी और राजनीतिक प्रभाव
आजम खान की सजा और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज मामलों का असर राजनीतिक स्तर पर भी देखा जा रहा है. उत्तर प्रदेश में सपा और बीजेपी के बीच जारी प्रतिद्वंद्विता में आजम खान की मुश्किलें उनके राजनीतिक भविष्य और पार्टी की स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं. पैन कार्ड मामले में सात साल की सजा का मतलब है कि अदालत ने इसे गंभीर अपराध माना है. यह सजा आजम खान और उनके बेटे के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है.
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