अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाने का फैसला किया है, जिससे दोनों देशों के बीच चल रही टैरिफ युद्ध में फिलहाल एक विराम लग गया है. यह फैसला अमेरिकी-चीन संबंधों में कुछ नरमी का संकेत माना जा रहा है. वहीं, भारत के लिए अमेरिका ने 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें रूस से तेल खरीदने को लेकर पेनल्टी भी शामिल है.
अमेरिका और चीन की तरफ से मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को एक संयुक्त बयान जारी कर बताया गया कि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ पर 90 दिनों की अवधि के लिए निलंबन बढ़ाने पर सहमति जताई है.
चीन पर टैरिफ रोक को बढ़ाया जाएगा
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर यह जानकारी दी और कहा कि उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत चीन पर टैरिफ की रोक को आगे बढ़ाया जाएगा. ट्रंप ने साथ ही बताया कि इस समझौते से जुड़े अन्य सभी नियम बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगे.
चीन को दी थी धमकी
चीन के प्रमुख समाचार माध्यम ‘ग्लोबल टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, लंदन और स्टॉकहॉम में व्यापार को लेकर हुई बैठकों में इस टैरिफ सस्पेंशन को तीन महीने और बढ़ाने का फैसला लिया गया है. फिलहाल अमेरिका ने चीन से आने वाले अधिकांश सामानों पर लगभग 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया हुआ है. अप्रैल महीने में ट्रंप प्रशासन ने चीन पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जबकि चीन ने भी इसके जवाब में 125 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की बात कही थी. अब इस टैरिफ रोक का मतलब है कि चीन से अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पादों पर सिर्फ 30 प्रतिशत टैरिफ ही लगेगा.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस फैसले से दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर बढ़ेंगे, जिससे वैश्विक बाजारों में स्थिरता आएगी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा, यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है.
शी जिनपिंग के साथ अच्छे संबंध है
अमेरिकी मीडिया के बड़े प्लेटफॉर्म जैसे ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘सीएनबीसी’ ने भी बताया है कि ट्रंप ने चीन पर लगे टैरिफ की रोक को नवंबर 2025 तक बढ़ा दिया है. इसी दौरान ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की खुले तौर पर तारीफ भी की और कहा कि उनके और शी के बीच अच्छे संबंध हैं तथा चीन ने व्यवहार में काफी सुधार किया है.
भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का किया ऐलान
वहीं, भारत के लिए अमेरिका ने 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिसमें आधा 25 प्रतिशत सामान्य टैरिफ है और बाकी 25 प्रतिशत टैरिफ भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर पेनल्टी के रूप में लगाया गया है. ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल खरीद रहा है, जबकि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन चीन पर कोई पेनल्टी नहीं लगाई गई है. इस मामले पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे. डी. वेंस ने कहा कि ट्रंप इस पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
अमेरिका की विदेश नीति में चीन के प्रति नरमी बढ़ रही है
इस पूरे मामले से साफ दिखता है कि अमेरिका की विदेश नीति में चीन के प्रति नरमी बढ़ रही है, जबकि भारत के साथ संबंधों में जटिलता बनी हुई है. आगामी महीनों में इस तरह के फैसलों से वैश्विक व्यापार और राजनीतिक समीकरणों में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
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