'यूक्रेन को न क्रीमिया मिलेगा न नाटो की सदस्यता', डोनाल्ड ट्रंप ने किया बड़ा दावा, रूस की हुई चांदी!

    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में टाइम मैगजीन को दिए गए एक इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कई विवादास्पद बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि क्रीमिया भविष्य में भी रूस के नियंत्रण में रहेगा और यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बन पाएगा.

    Ukraine will neither get Crimea nor NATO membership Donald Trump made a big claim Russia is in luck
    डोनाल्ड ट्रम्प/Photo- ANI

    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में टाइम मैगजीन को दिए गए एक इंटरव्यू में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कई विवादास्पद बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि क्रीमिया भविष्य में भी रूस के नियंत्रण में रहेगा और यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं बन पाएगा.

    क्रीमिया पर ट्रंप का रुख

    ट्रंप ने दावा किया कि क्रीमिया लंबे समय से रूस के प्रभाव में रहा है और वहां की अधिकांश आबादी रूसी भाषा बोलती है. उन्होंने कहा, “क्रीमिया हमेशा से रूस के करीब रहा है और अब भी वहीं रहेगा. यह स्थिति बराक ओबामा के समय में बनी थी, न कि मेरे कार्यकाल में.”

    उनके अनुसार, जब यह क्षेत्र रूस के कब्जे में गया था, तब वहां पहले से ही रूसी सैन्य मौजूदगी थी, जिसमें पनडुब्बियां भी शामिल थीं.

    जेलेंस्की पर सीधा आरोप

    इस इंटरव्यू में ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर भी तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि युद्ध की शुरुआत के लिए जेलेंस्की को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और यह भी आरोप लगाया कि लाखों लोगों की मौत के पीछे उनका ही हाथ है.

    ट्रंप ने यह भी कहा कि जेलेंस्की की ओर से क्रीमिया को रूस को सौंपने से इनकार करने ने संघर्ष को और बढ़ाया.

    नाटो की सदस्यता पर सवाल

    यूक्रेन की नाटो में सदस्यता की संभावना पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यूक्रेन कभी नाटो में शामिल हो पाएगा.” उन्होंने तर्क दिया कि नाटो में शामिल होने की यूक्रेनी आकांक्षा ने ही इस युद्ध को भड़काने में अहम भूमिका निभाई. ट्रंप का मानना है कि अगर नाटो की बात नहीं उठती, तो युद्ध की शुरुआत टाली जा सकती थी.

    क्या कहता है यह बयान?

    ट्रंप के ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर वैश्विक स्तर पर राजनयिक हल खोजने की कोशिशें जारी हैं. वहीं, अमेरिका की अगली राष्ट्रपति चुनावी दौड़ में ट्रंप की सक्रियता भी इन टिप्पणियों को और अधिक राजनीतिक महत्व देती है.

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