यूक्रेन की राजधानी कीव में शुक्रवार की रात तबाही की एक ऐसी पटकथा लिखी गई, जो इतिहास के पन्नों में जंग की सबसे डरावनी रातों में गिनी जाएगी. रूस ने सात घंटे तक लगातार मिसाइलों और ड्रोन से कीव समेत कई शहरों को निशाना बनाया. हमले की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पूरी रात बमों के धमाके गूंजते रहे, सायरन चीखते रहे और लोग मलबे में दबे अपने अपनों को तलाशते रहे. यह हमला सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि नागरिकों को डराने और तोड़ने की सोची-समझी रणनीति थी. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई और 26 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है.
हमला कितना भीषण था?
रूसी हमले में कुल 550 हवाई हथियार इस्तेमाल किए गए, जिनमें से 330 से अधिक ईरानी तकनीक वाले ‘शाहिद’ ड्रोन और दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें थीं. यूक्रेन की एयर डिफेंस फोर्स ने इनमें से 270 को मार गिराया, जबकि 208 ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के जरिए निष्क्रिय कर दिए गए. लेकिन इतने बड़े हमले को पूरी तरह टालना संभव नहीं था. राजधानी कीव समेत कई शहरों में सीधा नुकसान हुआ. कई इमारतें जमींदोज हो गईं और लोगों को बेसमेंट व मेट्रो स्टेशनों में शरण लेनी पड़ी.
कीव में तबाही का मंजर
इस हमले ने राजधानी के 10 में से 5 जिलों को सीधे प्रभावित किया. मलबे के ढेर के नीचे लोग दबे हुए थे, जिन्हें निकालने के लिए बचावकर्मी लगातार काम कर रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, हमले के बाद 300 टन से अधिक मलबा शहर भर में फैल गया. यहां तक कि पांच एंबुलेंस भी धमाकों की चपेट में आ गईं. एक वेडिंग फोटोग्राफर आलिया शालई ने बताया कि उनका घर इस हमले में पूरी तरह तबाह हो गया. उन्होंने कहा, “हम सब बेसमेंट में छिपे हुए थे, अगर घर में रहते तो शायद जिंदा न बचते.”
सत्ताधीशों की शब्दावली
हमले के बाद कीव की मेयर ने बताया कि इतनी भयानक रात उन्होंने पहले कभी नहीं देखी. यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरिदेंको ने कहा, “यह युद्ध नहीं था, यह आतंक था. परिवार पार्किंग में छिपे हुए थे, मेट्रो स्टेशनों में छोटे बच्चे सिसक रहे थे, और ऊपर से बम बरस रहे थे.” रूस ने दावा किया कि उसने कीव में रक्षा उपकरणों के कारखानों को निशाना बनाया है, लेकिन राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह आम नागरिकों को डराने की सोची-समझी कोशिश थी.
जेलेंस्की–ट्रंप कॉल से जुड़ी जो रणनीति बनी
इस हमले के कुछ घंटों बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक अहम फोन कॉल हुई. जेलेंस्की ने इस बातचीत को “बहुत जरूरी और बेहद उत्पादक” बताया. दोनों नेताओं के बीच एयर डिफेंस सिस्टम, संयुक्त हथियार निर्माण और एडवांस ड्रोन टेक्नोलॉजी को लेकर चर्चा हुई. यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब अमेरिका की ओर से यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य सहायता, खासतौर पर एयर डिफेंस इंटरसेप्टर्स और गोला-बारूद, को पेंटागन ने अस्थायी रूप से रोक दिया था. जेलेंस्की को ट्रंप ने भरोसा दिलाया कि वे इस फैसले की समीक्षा करेंगे और अमेरिका यूक्रेन की वायु सुरक्षा को मजबूत करने में पूरी तरह साथ देगा.
ट्रंप–पुतिन की बातचीत ने क्या खोला दरवाज़ा?
इससे एक दिन पहले ट्रंप की व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत हुई थी, जिसे लेकर ट्रंप ने अपनी निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, “मैं बहुत निराश हूं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि पुतिन फिलहाल युद्ध रोकने के मूड में हैं.” ट्रंप की इस बातचीत के तुरंत बाद रूस ने एक और बड़ा हमला कर दिया, जिसमें कीव और अन्य शहरों को फिर से निशाना बनाया गया. यह स्पष्ट करता है कि रूस की रणनीति अब और ज्यादा आक्रामक हो गई है.
अंकुश नहीं तो और बढ़ेगा आतंक
यूक्रेन की एयरफोर्स के मुताबिक सिर्फ जून महीने में रूस ने 5,438 ड्रोन हमले किए हैं. इसका मतलब है कि औसतन हर दिन 181 ड्रोन अटैक हुए. यह आंकड़ा दिखाता है कि रूस किस स्तर पर अपनी हवाई रणनीति को अंजाम दे रहा है. यूक्रेन की एयर डिफेंस व्यवस्था ने कई हमलों को रोका, लेकिन इतने भारी पैमाने पर हो रहे हमलों को पूरी तरह से टाल पाना फिलहाल मुश्किल है.
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