यूक्रेन पर रूसी हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. जुलाई का महीना खत्म भी नहीं हुआ और रूस ने चौथा बड़ा हमला कर दिया और वो भी ऐसे इलाकों में जहां अब तक हमलों की आशंका कम मानी जाती थी. शनिवार की सुबह जब ज़्यादातर लोग सो रहे थे, तभी रूस ने पश्चिमी यूक्रेन पर एक ज़बरदस्त हमला बोला. एक के बाद एक मिसाइलें, सैकड़ों कामिकाजे ड्रोन और भारी विस्फोटों से देश के कई हिस्से दहल उठे.
एक दिन में 623 ड्रोन और 26 मिसाइलें
यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, बीते 24 घंटे में रूस ने 623 ड्रोन और 26 मिसाइलें दागीं. इनमें से 319 ईरान में बने शहीद कामिकाजे ड्रोन शामिल थे. हालांकि यूक्रेनी एयर डिफेंस ने कई हमलों को रोक लिया, लेकिन फिर भी तबाही का दायरा बहुत बड़ा रहा.
लविव, खारकीव, ड्निप्रो और सुमी में तबाही
लविव क्षेत्र, जिसे अब तक अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता था, वहां 12 लोग घायल हुए. स्थानीय गवर्नर मैक्सिम कोजित्स्की ने बताया कि ड्रोन विस्फोटों से कई रिहायशी इमारतें हिल गईं. खारकीव में 8 ड्रोन और 2 मिसाइलें गिरीं. शहर के मेयर इगोर तेरेखोव ने बताया कि हमलों में तीन लोग घायल हुए और कुछ इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा. ड्निप्रोपेट्रोव्स्क क्षेत्र में मिसाइल हमले में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं सुमी में रूसी गाइडेड बम गिरने से दो और जानें गईं.
उत्तर कोरिया रूस के साथ खड़ा
इन हमलों के बीच, एक और मोर्चा खुलता दिखाई दे रहा है- उत्तर कोरिया का खुला समर्थन. प्योंगयांग ने साफ कहा है कि वो रूस की हर कार्रवाई के साथ खड़ा है. उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात में यह संदेश दिया कि “यूक्रेन संकट की जड़ तक पहुंचने के लिए रूस जो भी कदम उठा रहा है, हम उसके साथ हैं.” कुछ पश्चिमी रिपोर्ट्स का दावा है कि उत्तर कोरिया अब तक करीब 11,000 सैनिक रूस को भेज चुका है, जो यूक्रेन में युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं.
फ्रांस अब रूस के निशाने पर?
इसी बीच एक चौंकाने वाला बयान आया है फ्रांस की सेना के प्रमुख जनरल थियरी बुर्खार्ड की ओर से. उन्होंने कहा कि रूस अब फ्रांस को यूरोप में अपना “मुख्य दुश्मन” मान रहा है. यह बयान 11 जुलाई को पेरिस में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया, जहां फ्रांस ने वैश्विक खतरों को लेकर चेतावनी दी. जनरल बुर्खार्ड ने साफ कहा कि यह धारणा खुद पुतिन की है, जो फ्रांस के यूक्रेन समर्थन से नाराज़ हैं.
हालांकि अभी फ्रांस की ज़मीन पर सीधा सैन्य हमला होने की संभावना नहीं है, लेकिन फ्रांसीसी अधिकारियों का मानना है कि रूस हाइब्रिड वॉरफेयर यानी साइबर अटैक, फेक न्यूज़ और राजनीतिक दखल जैसी रणनीतियों पर काम कर सकता है.
यूक्रेन युद्ध अब नए मोड़ पर
रूस की ताज़ा हमलावर रणनीति दिखाती है कि अब वो सिर्फ पूर्वी यूक्रेन पर नहीं, बल्कि उन इलाकों को भी निशाना बना रहा है जिन्हें अब तक सुरक्षित माना जाता था. दूसरी ओर, उत्तर कोरिया जैसे सहयोगी अब खुलकर मैदान में आ रहे हैं.
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