तुर्की का युद्धपोत TCG बुयुकाडा (F-512) पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर पहुंचा है, जिसे पाकिस्तानी नौसेना ने 'सद्भावना यात्रा' के रूप में प्रस्तुत किया है. यह घटनाक्रम भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है, विशेष रूप से पहलगाम नरसंहार के बाद. हालांकि, तुर्की का यह कदम क्षेत्रीय समीकरणों पर सवाल खड़े करता है, लेकिन जब बात सैन्य ताकत की आती है, तो भारतीय नौसेना की क्षमता कहीं अधिक प्रभावशाली है.
तुर्की का युद्धपोत TCG बुयुकाडा (F-512)
TCG बुयुकाडा, तुर्की की Ada-क्लास कोरवेट का हिस्सा है, जिसे मिल्गेम प्रोजेक्ट के तहत 2013 में तुर्की नौसेना में शामिल किया गया था. यह जहाज पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW), सतह पर हमला और गश्ती मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
जब भारतीय नौसेना की बात आती है, तो TCG बुयुकाडा की तुलना में कई अत्याधुनिक युद्धपोत हैं जो तकनीकी और सामरिक दृष्टिकोण से कहीं अधिक सक्षम हैं:
1. INS विक्रांत (IAC-1)
भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत, 262.5 मीटर लंबा और 62.5 मीटर चौड़ा है. यह 45,000 टन वजन का है और 30 विमान (MiG-29K, Kamov-31, MH-60R, ALH, LCA Navy) तक ले जा सकता है. इसकी अधिकतम गति 28 नॉट (52 किमी/घंटा) है और रेंज 7,500 नॉटिकल मील (13,900 किमी) है. यह विमानवाहक पोत भारत की समुद्री शक्ति का प्रतीक है और क्षेत्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
2. INS कोमोरता-क्लास कोरवेट्स
INS कुठार और INS खंजर जैसे कोमोरता-क्लास कोरवेट्स, TCG बुयुकाडा से कहीं अधिक सक्षम हैं. इनमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें लगी हैं, जो 400 किमी तक के लक्ष्यों को सटीकता से भेद सकती हैं. इसके अलावा, ये जहाज पनडुब्बी-रोधी युद्ध, सतह पर हमला और गश्ती मिशनों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं.
3. INS विक्रमादित्य
INS विक्रमादित्य, एक और विमानवाहक पोत है जो भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाता है. यह पोत MiG-29K लड़ाकू विमानों और अन्य हेलिकॉप्टरों को ऑपरेट करने में सक्षम है. यह पोत भारतीय नौसेना की शक्ति को और भी सुदृढ़ करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ये भी पढ़ेंः भारत का इतना खौफ! लाइव टीवी पर रोते-बिलखते नजर आया पाकिस्तानी रक्षा मंत्री, खुल गई कंगालिस्तान की पोल