तुर्की, चीन-पाकिस्तान की उड़ी नींद! फिलीपींस के बाद ब्रह्मोस का फैन हुआ ये देश, एशिया में दबदबा कायम

    Brahmos Missile: दुनिया की सैन्य और रणनीतिक संतुलन की धुरी अब केवल पश्चिमी शक्तियों के इर्द-गिर्द नहीं घूमती. एशिया, विशेषकर भारत, एक नई सैन्य शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के लिए एक भरोसेमंद हथियार आपूर्तिकर्ता भी बन रहा है.

    Türkiye China and Pakistan Philippines this country became a fan of Brahmos
    Image Source: ANI/ File

    Brahmos Missile: दुनिया की सैन्य और रणनीतिक संतुलन की धुरी अब केवल पश्चिमी शक्तियों के इर्द-गिर्द नहीं घूमती. एशिया, विशेषकर भारत, एक नई सैन्य शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के लिए एक भरोसेमंद हथियार आपूर्तिकर्ता भी बन रहा है. इसकी झलक हमें हालिया घटनाक्रमों में साफ दिखाई देती है, चाहे वह ऑपरेशन "सिंदूर" हो, जिसमें भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना को चौकाया, या फिर दक्षिण चीन सागर में ब्रह्मोस की धमक, जिसने चीन की नींद उड़ा दी.

    भारत द्वारा संचालित 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, आधुनिक Su-30MKI फाइटर जेट और ब्रह्मोस मिसाइल के संयुक्त हमलों ने पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस जैसे रहीम यार खान को भारी क्षति पहुंचाई. वहीं, पाकिस्तान द्वारा चीन के सहयोग से निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट, भारतीय ताकत के सामने टिक नहीं पाए. इस ऑपरेशन ने न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत को सिद्ध किया, बल्कि ब्रह्मोस की विश्वसनीयता को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया.

    ब्रह्मोस की अंतरराष्ट्रीय मांग में उछाल

    भारत की इस मिसाइल की मारक क्षमता और सटीकता ने कई देशों का ध्यान खींचा है. फिलीपींस ने तो इसे पहले ही अपने नौसैनिक बेड़े में शामिल कर लिया है. अब वियतनाम, इंडोनेशिया, आर्मेनिया, सिंगापुर, ब्रुनेई, मिस्र, सऊदी अरब, कतर, ब्राजील जैसे देश भी ब्रह्मोस खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं. यह भारत की डिफेंस एक्सपोर्ट रणनीति की बड़ी सफलता है.

    अजरबैजान-पाकिस्तान डिफेंस डील 

    जहां पाकिस्तान अजरबैजान को 40 JF-17 थंडर देने जा रहा है, वहीं भारत आर्मेनिया के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहा है. आर्मेनिया, जो अजरबैजान के साथ लंबे समय से संघर्ष में उलझा है, भारत से Su-30MKI फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर रहा है. HAL से इन फाइटर जेट्स की संभावित डील न केवल भारत के डिफेंस इंडस्ट्री को मजबूती देगी, बल्कि क्षेत्रीय ताकत के संतुलन को भी प्रभावित करेगी.

    एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि रणनीतिक कार्ड

    आर्मेनिया के पास इस समय बेहद सीमित संख्या में फाइटर जेट्स हैं और रूस से लिए गए चार Su-30SM बिना हथियार पैकेज के हैं. ऐसे में भारत से मिलने वाले Su-30MKI, खासकर अगर इनमें ब्रह्मोस मिसाइल भी शामिल हो, तो यह आर्मेनिया के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं. यह फाइटर जेट सिर्फ आकाश में लड़ाई नहीं लड़ता, बल्कि यह एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है.

    भारत-आर्मेनिया डिफेंस रिलेशन

    पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आर्मेनिया को आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम, पिनाका MBRL, ATAGS तोपें, और अन्य एडवांस्ड हथियार सिस्टम दिए हैं. भारत अब हथियार बेचने वाला देश नहीं बल्कि रक्षा साझेदार के रूप में देखा जा रहा है, जो विश्वसनीयता, तकनीक और रणनीतिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है.

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