हर म‍िनट 6 मोबाइल ब्‍लॉक, 4 ट्रेस और 2 रिकवर... संचार साथी कर रहा कमाल, जानें कैसे करें इस्‍तेमाल?

    मोबाइल चोरी और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार का डिजिटल प्लेटफॉर्म संचार साथी (Sanchar Saathi) तेजी से एक प्रभावी समाधान के रूप में उभर रहा है.

    Sanchar Sathi app is doing wonders every day how to use it
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली: मोबाइल चोरी और साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार का डिजिटल प्लेटफॉर्म संचार साथी (Sanchar Saathi) तेजी से एक प्रभावी समाधान के रूप में उभर रहा है. दूरसंचार विभाग (DoT) के मुताबिक, संचार साथी के जरिए हर एक मिनट में औसतन 6 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं, इस सिस्टम की मदद से हर कुछ ही मिनटों में खोए या चोरी हुए फोन को ट्रेस और रिकवर भी किया जा रहा है.

    DoT ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि संचार साथी के माध्यम से लगभग हर 6 मिनट में 4 मोबाइल फोन ट्रेस किए जा रहे हैं, जबकि हर 2 मिनट में करीब 3 मोबाइल फोन यूजर्स को वापस दिलाने में मदद मिल रही है. ये आंकड़े बताते हैं कि यह प्लेटफॉर्म अब केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि मोबाइल सुरक्षा के लिए एक मजबूत हथियार बन चुका है.

    क्या है संचार साथी और क्यों है खास?

    संचार साथी केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक डिजिटल पोर्टल और मोबाइल ऐप है, जिसका मकसद मोबाइल यूजर्स को सुरक्षा देना और टेलीकॉम से जुड़े फ्रॉड पर लगाम लगाना है. इस प्लेटफॉर्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपने खोए या चोरी हुए स्मार्टफोन को तुरंत ब्लॉक करा सकता है, ताकि उसका गलत इस्तेमाल न हो सके.

    इसके अलावा संचार साथी यूजर्स को यह जानकारी भी देता है कि उनके नाम और पहचान पर कितने मोबाइल नंबर एक्टिव हैं. कई बार लोगों को पता ही नहीं होता कि उनकी आईडी पर फर्जी सिम चल रही हैं, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया जा सकता है. संचार साथी इस खतरे को समय रहते पहचानने में मदद करता है.

    IMEI से फोन असली है या नकली

    संचार साथी का एक अहम फीचर IMEI वेरिफिकेशन से जुड़ा है. इसके जरिए यूजर यह जांच सकता है कि उसका मोबाइल फोन असली है या नकली. भारत में नकली या क्लोन किए गए मोबाइल फोन का चलन भी एक बड़ी समस्या रहा है, जिसे रोकने के लिए यह सुविधा काफी अहम मानी जा रही है.

    इतना ही नहीं, भारतीय नंबर से आने वाली संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कॉल्स या फ्रॉड कॉल्स की शिकायत भी इसी प्लेटफॉर्म पर की जा सकती है. सरकार का कहना है कि इससे साइबर अपराधों पर नजर रखने और कार्रवाई करने में काफी मदद मिल रही है.

    खोया या चोरी हुआ फोन ऐसे करें ब्लॉक

    अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन चोरी हो जाए या कहीं गुम हो जाए, तो संचार साथी के जरिए उसे आसानी से ब्लॉक कराया जा सकता है. इसके लिए यूजर को संचार साथी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर ‘Block your lost/stolen mobile handset’ विकल्प चुनना होता है. इसके बाद मोबाइल नंबर, IMEI नंबर, फोन का ब्रांड और मॉडल, अनुमानित कीमत और खरीद का बिल जैसी जानकारी देनी होती है.

    रिक्वेस्ट सबमिट करने के बाद यूजर अपनी शिकायत की स्थिति भी ऑनलाइन ही ट्रैक कर सकता है. जैसे ही फोन किसी नेटवर्क पर एक्टिव होता है, सिस्टम उसे पहचान लेता है और आगे की कार्रवाई में मदद करता है.

    सरकार का दावा: मोबाइल सुरक्षा होगी भरोसेमंद

    दूरसंचार विभाग का कहना है कि संचार साथी प्लेटफॉर्म मोबाइल सुरक्षा को तेज, सरल और भरोसेमंद बनाता है. इसका उद्देश्य सिर्फ खोए फोन को ढूंढना नहीं, बल्कि यूजर्स की डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखना भी है. सरकार के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म साइबर धोखाधड़ी, फर्जी सिम, और टेलीकॉम से जुड़े अपराधों से निपटने में अहम भूमिका निभा रहा है.

    एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के मुताबिक, अब तक 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग संचार साथी ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं. यह ऐप एंड्रॉयड यूजर्स के लिए गूगल प्ले स्टोर और आईफोन यूजर्स के लिए ऐपल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है.

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