युद्ध खत्म तो शुरू हुआ ट्रंप का टैरिफ राग! पड़ोसी के साथ एक झटके में तोड़ दी वार्ता

    अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और अप्रत्याशित लेकिन निर्णायक कदम उठाते हुए कनाडा के साथ सभी व्यापारिक वार्ताओं को तत्काल प्रभाव से रोकने की घोषणा की है. इस फैसले के पीछे कारण है कनाडा द्वारा अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाया गया डिजिटल सर्विस टैक्स, जिसे ट्रंप ने “सीधा और स्पष्ट हमला” बताया है.

    Trump Talk with tariff on cannada tensions
    Image Source: Social Media

    अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और अप्रत्याशित लेकिन निर्णायक कदम उठाते हुए कनाडा के साथ सभी व्यापारिक वार्ताओं को तत्काल प्रभाव से रोकने की घोषणा की है. इस फैसले के पीछे कारण है कनाडा द्वारा अमेरिकी टेक कंपनियों पर लगाया गया डिजिटल सर्विस टैक्स, जिसे ट्रंप ने “सीधा और स्पष्ट हमला” बताया है.

    ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका जल्द ही कनाडा को सूचित करेगा कि भविष्य में उसे अमेरिकी बाजार तक पहुंचने के लिए कितना टैरिफ देना होगा. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कनाडा सरकार का नया टैक्स कानून अगले सोमवार से प्रभावी हो रहा है, जिसका उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से अतिरिक्त राजस्व अर्जित करना है.

    डिजिटल टैक्स से व्यापार तनाव की नई लहर


    कनाडा का नया डिजिटल सर्विस टैक्स उन बड़ी टेक कंपनियों को लक्षित करता है जो वैश्विक स्तर पर सेवाएं देती हैं लेकिन कई बार मुनाफा दर्ज नहीं करतीं. ट्रंप प्रशासन इसे यूरोपीय यूनियन की नीति की नकल मानता है और अमेरिकी हितों के विरुद्ध.

    हालांकि, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के कार्यालय ने अभी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट किया है कि वे इस पर गंभीर विचार कर रहे हैं. कनाडा के कुछ व्यापारिक संगठनों ने भी इस टैक्स को लेकर चिंता जताई है, क्योंकि इससे अमेरिका के साथ रिश्तों में और खटास आ सकती है. व्यापारिक असर: दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं हो सकती हैं प्रभावित. आंकड़ों की मानें तो अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक रिश्ते काफी मजबूत हैं. 2024 में कनाडा ने अमेरिका से लगभग 349 बिलियन डॉलर का आयात किया था.

    वहीं, अमेरिका ने कनाडा से 413 बिलियन डॉलर के उत्पाद मंगवाए थे.

    ट्रंप के इस ऐलान से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा भी जवाबी टैरिफ लगाने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है. इसका असर शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भी दिखा, जहां डाउ जोंस 0.4% और नैस्डैक 0.2% गिरावट के साथ बंद हुए.

    भारत के लिए बन सकता है नया अवसर


    जहां एक ओर ट्रंप प्रशासन कनाडा, मैक्सिको और चीन जैसे देशों के खिलाफ टैरिफ की रणनीति अपना रहा है, वहीं भारत फिलहाल इस सूची में शामिल नहीं है. हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक चर्चाएं पहले से जारी हैं. मुख्य रूप से टैरिफ और व्यापार घाटे के मुद्दों पर. ट्रंप की नीति पारस्परिक शुल्क (Reciprocal Tariffs) की मांग करती है. यानी जो टैक्स भारत अमेरिकी उत्पादों पर लगाता है, वही अमेरिका भारतीय सामान पर लागू करेगा. ऐसे में भारत को एक तरफ ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति को समझना होगा और दूसरी ओर अपने हितों की रक्षा करते हुए संतुलित रणनीति बनानी होगी.

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