ट्रंप-खामेनेई में बनेगी बात या छिड़ेगा युद्ध? जानिए ईरान-अमेरिका डील से भारत को क्या फायदा होगा

    US-Iran Deal: अगर ये बातचीत सफल रहती है, तो इससे ना सिर्फ मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) में शांति आ सकती है, बल्कि भारत को भी इससे बड़ा फायदा हो सकता है.

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    ट्रंप-खामेनेई | Photo: ANI

    US-Iran Deal: कई महीनों की जुबानी जंग के बाद अब ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत आखिरकार शुरू हो गई है. यह वार्ता ओमान में हो रही है और पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. अगर ये बातचीत सफल रहती है, तो इससे ना सिर्फ मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) में शांति आ सकती है, बल्कि भारत को भी इससे बड़ा फायदा हो सकता है.

    भारत को क्यों है इस वार्ता से मतलब?

    भारत के अमेरिका और ईरान दोनों से अच्छे रिश्ते हैं. अगर दोनों देशों के बीच तनाव कम होता है, तो भारत को कई तरह से फायदा मिलेगा:

    • सस्ता तेल: अगर अमेरिका ईरान पर से प्रतिबंध हटा लेता है, तो भारत फिर से ईरान से सस्ते दामों पर तेल खरीद सकेगा.
    • चाबहार पोर्ट: भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट में बड़ा निवेश किया है. प्रतिबंध हटने के बाद यहां व्यापार बढ़ेगा और भारत को आर्थिक फायदा मिलेगा.
    • न्याय संगत स्थिति: भारत नहीं चाहता कि उसे अमेरिका या ईरान में से किसी एक का पक्ष लेना पड़े. अगर दोनों में शांति होती है, तो भारत के लिए स्थिति आसान हो जाएगी.

    बातचीत क्यों हो रही है?

    7 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ऐलान किया कि अमेरिका अब ईरान से सीधे बातचीत करेगा. ट्रंप ने इसे “बहुत अहम बातचीत” बताया. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने भी बातचीत की पुष्टि की है और कहा कि उनका देश अमेरिका से अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बात करने को तैयार है — लेकिन कुछ शर्तों के साथ.

    असल में, अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करे. पहले ओबामा सरकार ने इस पर एक समझौता किया था, लेकिन ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में उस डील को खत्म कर दिया था, यह कहते हुए कि वो समझौता ईरान के हक में था और अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहा था.

    भारत के लिए क्यों अहम है यह शांति?

    • रोजगार: हर साल लाखों भारतीय मध्य पूर्व में काम करने जाते हैं, जिनमें से कई ईरान में भी रहते हैं.
    • धार्मिक जुड़ाव: ईरान शिया मुसलमानों के लिए खास जगह है और भारत से हजारों शिया लोग हर साल वहां तीर्थ यात्रा के लिए जाते हैं.
    • कूटनीतिक संतुलन: भारत नहीं चाहता कि उसे अमेरिका या ईरान में से किसी एक को चुनना पड़े. बातचीत सफल रहती है तो भारत को दोनों के साथ अपने रिश्ते बनाए रखने में आसानी होगी.

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