US-Iran Deal: कई महीनों की जुबानी जंग के बाद अब ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत आखिरकार शुरू हो गई है. यह वार्ता ओमान में हो रही है और पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं. अगर ये बातचीत सफल रहती है, तो इससे ना सिर्फ मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) में शांति आ सकती है, बल्कि भारत को भी इससे बड़ा फायदा हो सकता है.
भारत को क्यों है इस वार्ता से मतलब?
भारत के अमेरिका और ईरान दोनों से अच्छे रिश्ते हैं. अगर दोनों देशों के बीच तनाव कम होता है, तो भारत को कई तरह से फायदा मिलेगा:
बातचीत क्यों हो रही है?
7 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इज़राइल के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ऐलान किया कि अमेरिका अब ईरान से सीधे बातचीत करेगा. ट्रंप ने इसे “बहुत अहम बातचीत” बताया. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने भी बातचीत की पुष्टि की है और कहा कि उनका देश अमेरिका से अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बात करने को तैयार है — लेकिन कुछ शर्तों के साथ.
असल में, अमेरिका चाहता है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करे. पहले ओबामा सरकार ने इस पर एक समझौता किया था, लेकिन ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में उस डील को खत्म कर दिया था, यह कहते हुए कि वो समझौता ईरान के हक में था और अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहा था.
भारत के लिए क्यों अहम है यह शांति?
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