तीन महीनों में UPI ने किया धमाका, लेन-देन में 33.5% की उछाल, 70 करोड़ से ज्यादा एक्टिव QR कोड

    भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से लेन-देन में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. इस अवधि में यूपीआई के जरिए कुल ट्रांजेक्शन का आकार साल दर साल 33.5 प्रतिशत बढ़कर 59.33 अरब रुपये तक पहुंच गया.

    UPI transactions surged to 59.33 billion in the July September quarter
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    नई दिल्ली: भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के माध्यम से लेन-देन में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. इस अवधि में यूपीआई के जरिए कुल ट्रांजेक्शन का आकार साल दर साल 33.5 प्रतिशत बढ़कर 59.33 अरब रुपये तक पहुंच गया. वहीं, कुल लेन-देन का आकार 21 प्रतिशत बढ़कर 74.84 लाख करोड़ रुपये हो गया. यह वृद्धि डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते हुए इस्तेमाल और यूपीआई के प्रभावी विस्तार को दर्शाती है.

    यूपीआई क्यूआर कोड की बढ़ती स्वीकृति

    देशभर में सक्रिय यूपीआई क्यूआर कोड की संख्या अब लगभग 71 करोड़ हो गई है, जो जुलाई, 2024 के मुकाबले 21 प्रतिशत ज्यादा है. वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, किराना स्टोर्स, फार्मेसियों, ट्रांसपोर्ट हब और ग्रामीण बाजारों में यूपीआई क्यूआर कोड की व्यापक स्वीकृति ने स्कैन-एंड-पे को देशभर में एक सामान्य और भरोसेमंद भुगतान तरीका बना दिया है.

    P2M ट्रांजेक्शन में जोरदार बढ़त

    रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि व्यक्ति से व्यापारी (P2M) ट्रांजेक्शन में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 37.46 अरब तक पहुंच गए. वहीं, व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) लेन-देन में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 21.65 अरब ट्रांजेक्शन हो गए. यह वृद्धि यूपीआई के रोजमर्रा के रिटेल लेन-देन में बढ़ते दबदबे को स्पष्ट करती है.

    छोटे लेन-देन में यूपीआई की प्रमुख भूमिका

    इस अवधि में औसत लेन-देन का आकार घटकर 1,262 रुपये हो गया, जबकि यह पहले 1,363 रुपये था. इसका मतलब है कि मोबिलिटी, भोजन, स्वास्थ्य और हाइपरलोकल कामर्स जैसी छोटी खरीदारी में यूपीआई का उपयोग बढ़ा है. यूपीआई ने छोटे-मोटे भुगतान में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई है, जो कि तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट्स के ट्रेंड को दर्शाता है.

    क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेन-देन में बढ़ोतरी

    क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से लेन-देन भी बढ़े हैं. जुलाई, 2024 से जुलाई, 2025 के बीच पॉइंट ऑफ सेल (POS) टर्मिनल से ट्रांजेक्शन में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे यह 1.21 करोड़ हो गए. इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड जारी करने में भी आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिससे इनकी संख्या 11.33 करोड़ तक पहुंच गई.

    यूपीआई का प्रभाव: डेबिट कार्ड लेन-देन में कमी

    हालांकि, डेबिट कार्ड के जरिए होने वाले लेन-देन में 22 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इसका कारण यह है कि यूपीआई छोटे-मोटे खर्चों के लिए एक अधिक सुविधाजनक और सस्ता विकल्प बन गया है. यह दर्शाता है कि यूपीआई ने बड़े खर्चों के मुकाबले छोटे लेन-देन में अधिक प्रभावी तरीके से प्रवेश किया है.

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