ट्रंप और खामेनेई के बीच मचेगा कत्लेआम! ईरान की 'गीदड़भभकी' पर अमेरिका का जवाब- 'परमाणु बम नहीं बनाने देंगे'

    अमेरिका और ईरान के बीच शनिवार को जेनेवा में एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें 2015 की परमाणु डील (JCPOA) को फिर से शुरू करने की कोशिश की जाएगी.

    Trump Khamenei America reply Iran threats nuclear bomb
    ट्रंप-खामेनेई | Photo: ANI

    अमेरिका और ईरान के बीच शनिवार को जेनेवा में एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें 2015 की परमाणु डील (JCPOA) को फिर से शुरू करने की कोशिश की जाएगी. इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने साफ कहा है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा.

    उन्होंने कहा, "सभी विकल्प खुले हैं" और अमेरिका किसी भी हाल में ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मानते हैं कि शांति जरूरी है, लेकिन शांति पाने के लिए मजबूती दिखाना भी जरूरी है.

    अमेरिका क्या कर सकता है?

    • नई आर्थिक सजा: ईरान पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों से परेशान है. अब ट्रंप सरकार और भी सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, जिससे ईरान की तेल बिक्री और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नुकसान हो सकता है.
    • साइबर हमला: अमेरिका पहले भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर साइबर अटैक कर चुका है, जैसे कि स्टक्सनेट वायरस का इस्तेमाल. भविष्य में भी ऐसी ही रणनीति अपनाई जा सकती है.
    • सैन्य कार्रवाई की चेतावनी: ट्रंप युद्ध नहीं चाहते, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा.
    • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना: अमेरिका अपने सहयोगी देशों के साथ मिलकर ईरान को दुनिया से अलग-थलग भी कर सकता है.

    ईरान का जवाब

    ईरान ने इन सभी धमकियों को सिरे से खारिज किया है. उसका कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन जानकारों का मानना है कि ईरान भी किसी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है.

    अब सबकी निगाहें शनिवार की बैठक पर हैं. देखना यह होगा कि क्या दोनों देश किसी समझौते पर पहुंचते हैं, या फिर हालात और बिगड़ते हैं.

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