अमेरिका और ईरान के बीच शनिवार को जेनेवा में एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें 2015 की परमाणु डील (JCPOA) को फिर से शुरू करने की कोशिश की जाएगी. इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने साफ कहा है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा.
उन्होंने कहा, "सभी विकल्प खुले हैं" और अमेरिका किसी भी हाल में ईरान को परमाणु ताकत नहीं बनने देगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मानते हैं कि शांति जरूरी है, लेकिन शांति पाने के लिए मजबूती दिखाना भी जरूरी है.
अमेरिका क्या कर सकता है?
ईरान का जवाब
ईरान ने इन सभी धमकियों को सिरे से खारिज किया है. उसका कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन जानकारों का मानना है कि ईरान भी किसी दबाव में झुकने को तैयार नहीं है.
अब सबकी निगाहें शनिवार की बैठक पर हैं. देखना यह होगा कि क्या दोनों देश किसी समझौते पर पहुंचते हैं, या फिर हालात और बिगड़ते हैं.
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