पहलगाम की बैसरन घाटी में निर्दोष हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया और ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में छिपे आतंकी अड्डों को निशाना बनाते हुए बड़ी कार्रवाई की. इस जवाबी ऑपरेशन में भारतीय सेना ने कुल 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया.
पाकिस्तान ने इस कार्रवाई का जवाब देने की नाकाम कोशिश की. उसने तुर्की से मिले ड्रोन और मिसाइलों के जरिए भारत पर हमला किया, लेकिन भारत का मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सतर्क था. सभी हमलों को समय रहते नाकाम कर दिया गया. भारत ने इस हमले में इस्तेमाल हुए तुर्की के ड्रोन और हथियारों के पुख्ता सबूत भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश किए.
इस बीच एक और चिंताजनक घटनाक्रम सामने आया—अमेरिका की ट्रंप सरकार ने तुर्की को AIM-120C-8 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) बेचने की 225 मिलियन डॉलर की डील पर मुहर लगा दी है. तुर्की ने अमेरिका से कुल 53 AMRAAM मिसाइलें मांगी हैं, और वॉशिंगटन ने इसकी मंजूरी भी दे दी है.
AMRAAM मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश
इस सौदे को लेकर भारत की चिंता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि पाकिस्तान अतीत में भी इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर चुका है. 2019 में भारत ने अमेरिका को सबूत सौंपे थे कि पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट ने इन्हीं AMRAAM मिसाइलों से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी. हालांकि वह हमला विफल रहा, लेकिन इस मिसाइल की मारक क्षमता और इसकी पहुंच इसे खतरनाक बनाती है.
भारत को आशंका है कि तुर्की से मिल रही इन मिसाइलों का रास्ता एक बार फिर पाकिस्तान तक पहुंच सकता है. खास बात यह है कि पाकिस्तान के पास F-16 के अलावा कोई ऐसा फाइटर जेट नहीं है जो AMRAAM को लॉन्च कर सके, जिससे यह डील और भी संवेदनशील बन जाती है.
तुर्की खुलेआम पाकिस्तान का साथ दे रहा
अमेरिकी रक्षा सहयोग एजेंसी ने भले ही इस डील को नाटो सहयोग के तहत बताया हो, लेकिन भारत के लिए यह एक कूटनीतिक और रणनीतिक चिंता का विषय बन गया है, खासकर तब जब तुर्की खुलेआम पाकिस्तान का साथ दे रहा है.
भारत ने साफ किया है कि वह आतंकवाद और उसके समर्थकों को बख्शने वाला नहीं है. ऑपरेशन सिंदूर इसी सोच का परिणाम है, जिसमें भारत ने न सिर्फ आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा दिया कि अब वह चुप नहीं बैठेगा.
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