Trump and Putin Meet: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हो गई है. हालांकि, रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में यह बैठक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध समाप्त करने के प्रयासों के बीच रूस ने डोनेट्स्क क्षेत्र में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत कर दी है, जिससे बातचीत की चुनौतियाँ और बढ़ गई हैं.
बैठक से पहले रूस की सेना ने यूक्रेन के औद्योगिक क्षेत्रों में हमला किया और पूर्वी डोनेट्स्क के पोक्रोवस्क शहर पर कब्ज़ा करने की कोशिश की. यह शहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ प्रमुख राजमार्ग और रेल जंक्शन मौजूद हैं. पिछले कुछ दिनों में रूसी सेना ने याब्लुनिव्का और ओलेक्सांद्रोग्राद जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर भी नियंत्रण स्थापित किया.
पुतिन की मांग को खारिज किया
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पुतिन की उस मांग को अस्वीकार कर दिया जिसमें डोनेट्स्क के शेष 30 प्रतिशत क्षेत्र से यूक्रेन को अपने कब्ज़े वापस लेने को कहा गया था. जेलेंस्की ने कहा कि उनकी सेनाएँ प्रतिरोध कर रही हैं और रूसी सेनाओं पर दबाव बढ़ रहा है.
रूसी सेना को भारी नुकसान
जेलेंस्की ने बैठक से पहले कहा कि रूस अपने राजनीतिक और सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में लगातार भारी नुकसान झेल रहा है. उन्होंने अपने सहयोगियों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने की भी बात कही. रूस ने 2022 में लुगांस्क और डोनेट्स्क पर अवैध रूप से कब्जा किया था, जो डोनबास क्षेत्र का हिस्सा हैं.
शिखर सम्मेलन से पहले हमलों की श्रृंखला
डोनेट्स्क और ड्निप्रोपेट्रोव्स्क में रूस और यूक्रेन के बीच झड़पें जारी रहीं. शुक्रवार को रूसी सेना ने बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई और कम से कम एक अन्य घायल हुआ. द्निप्रो शहर यूक्रेनी सेना के लिए रसद का महत्वपूर्ण केंद्र है.
तेल रिफाइनरी और ड्रोन हमले
यूक्रेनी सेना ने रूस के समारा क्षेत्र की सिजरान तेल रिफाइनरी पर रातभर हमला किया, जिससे वहां आग लगी लेकिन इसे तुरंत नियंत्रित कर लिया गया. इसके अलावा, अस्त्राखान क्षेत्र में कैस्पियन बंदरगाह ओल्या पर भी हमला किया गया, जिसमें ईरान से रूस तक जा रहे ड्रोन पुर्जे और गोला-बारूद ले जाने वाले जहाज को निशाना बनाया गया.
मिसाइलों और ड्रोन हमलों का आंकड़ा
7 से 13 अगस्त के बीच लगभग 535 रूसी ड्रोन और मिसाइलें यूक्रेन पर दागी गईं. यूक्रेनी सेना ने इनमें से लगभग दो-तिहाई को रोकने में सफलता पाई. रूस ने आठ मिसाइलें दागीं, जिनमें से पांच यूक्रेनी सुरक्षा व्यवस्था को पार कर गईं. यूक्रेन का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य फरवरी 2022 से जारी रूस के पूर्ण पैमाने के युद्ध की क्षमता को कमजोर करना है.
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