Afghanistan Pakistan Clash: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में सीमा पर हुई गंभीर झड़प ने दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है. शनिवार रात को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच भयंकर मुकाबला हुआ, जिसमें भारी जनहानि हुई है. पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने इस संघर्ष में 200 से अधिक अफगान तालिबान लड़ाकों को मार गिराया, जबकि उसे भी 23 सैनिकों का नुकसान हुआ है.
दूसरी ओर, अफगान अधिकारियों ने भी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 58 सैनिकों को मारने और सीमा पर स्थित 25 सैन्य चौकियों पर कब्जा करने का दावा किया है. यह मुकाबला सीमा विवाद के कारण उत्पन्न हुआ था, जो दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव का कारण रहा है.
सऊदी अरब और कतर के मध्यस्थता प्रयासों से झड़प रुकी
घटना के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्रीय शक्तियों ने हस्तक्षेप किया. अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि सऊदी अरब और कतर की मध्यस्थता के चलते शनिवार की आधी रात को संघर्ष को रोक दिया गया. मुजाहिद ने यह भी कहा कि अब अफगानिस्तान की सीमाओं पर नियंत्रण पूरी तरह से स्थापित है और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई गई है. उनका यह बयान इस बात का संकेत है कि अब दोनों पक्ष शांति की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि सीमा विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है.
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की 25 चौकियों पर कब्जे का दावा किया
अफगान अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनके सैनिकों ने पाकिस्तान की सीमा पर 25 सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है. यह कब्जा हाल की सीमा झड़प के दौरान हुआ है. अफगान अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले काबुल और देश के पूर्वी हिस्से में बमबारी की थी, जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया है. यह घटनाएं दोनों देशों के बीच बढ़ते हुए तनाव को दर्शाती हैं और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं.
अफगान विदेश मंत्री का शांति संदेश और स्थिति की गंभीरता
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की, जो इस समय भारत के दौरे पर हैं, ने क्षेत्रीय शांति की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है कि क्षेत्र में स्थिरता आए और सभी पक्ष बातचीत के लिए तैयार हैं. मुतक्की ने स्पष्ट किया कि यदि शांति प्रयास सफल नहीं होते तो अफगानिस्तान के पास अन्य विकल्प भी मौजूद हैं. उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि अफगानिस्तान सीमावर्ती संघर्ष के मामलों को गंभीरता से ले रहा है और यदि आवश्यक हुआ तो कड़ा जवाब भी देगा.
पाकिस्तान ने भी अफगान चौकियों पर कब्जे का दावा किया
पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई में अफगानिस्तान की 19 सैन्य चौकियों और कथित रूप से ‘आतंकी ठिकानों’ को अपने नियंत्रण में ले लिया है. पाकिस्तान की ओर से यह कार्रवाई अफगान बलों की ‘बिना उकसावे की गई’ गतिविधि के जवाब में बताई जा रही है. यह दावा सीमा पर जारी तनाव और पारस्परिक आरोप-प्रत्यारोप को दर्शाता है. दोनों पक्षों के बीच यह कड़ी लड़ाई क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर अफगानिस्तान का रुख
अफगान विदेश मंत्री मुतक्की ने पाकिस्तान को सुझाव दिया है कि वह अपने देश में बढ़ते उग्रवाद और आतंकवाद की समस्या को नियंत्रण में लाए. उन्होंने विशेष रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के अफगानिस्तान में ठिकानों के दावों को खारिज किया और कहा कि अफगानिस्तान में TTP के कोई ठिकाने नहीं हैं. यह बयान अफगानिस्तान की ओर से पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर सीधे हस्तक्षेप को लेकर स्पष्ट दूरी दिखाता है.
भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर मुतक्की का बयान
जब विदेश मंत्री मुतक्की से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने इस घातक सीमा संघर्ष को इसलिए तेज किया क्योंकि अफगानिस्तान भारत के करीब जा रहा है, तो उन्होंने इस सवाल का उत्तर पाकिस्तान पर छोड़ दिया. उन्होंने कहा, "हमारा किसी से कोई विवाद नहीं है और हमारा दिल बड़ा है." यह बयान दर्शाता है कि अफगानिस्तान भारत के साथ अपने रिश्तों को गहरा करने के पक्ष में है और क्षेत्रीय राजनीति में अधिक संतुलित कूटनीति अपनाना चाहता है.