Flights Tickets Surge: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो एक बड़े संकट से गुजर रही है. इंडिगो के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि एक के बाद एक फ्लाइट कैंसिलेशन के चलते लाखों यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. कल 500 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुईं, जबकि आज भी 400 से अधिक फ्लाइट्स का संचालन प्रभावित हुआ है. इन कैंसिलेशंस के कारण, देश के प्रमुख हवाई अड्डों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद में यात्री परेशान हो रहे हैं और कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए यात्रा करने वाले लोग हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं.
एविएशन सेक्टर पर पड़े असर
इंडिगो की भारी फ्लाइट कैंसिलेशन का असर केवल कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारतीय एविएशन सेक्टर को झटका लगा है. इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है, और इसका मार्केट शेयर भी सबसे अधिक है. ऐसे में जब इंडिगो के ऑपरेशन्स प्रभावित होते हैं, तो इसका असर दूसरी एयरलाइन्स पर भी पड़ता है. कई एयरलाइन्स ने इस संकट का फायदा उठाते हुए टिकटों के दाम में बढ़ोतरी कर दी है. यात्रा करने वाले यात्रियों को अब अपने टिकट के लिए बहुत ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है, और कुछ रूट्स पर तो किराया अब इंटरनेशनल फ्लाइट्स के मुकाबले भी ज्यादा हो गया है.
किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी
टिकटों के दाम में भारी बढ़ोतरी ने यात्रियों को और भी परेशान कर दिया है. स्पाइसजेट जैसे लो-कॉस्ट कैरियर पर कुछ रूट्स के लिए 80,000 रुपये तक का किराया लिया जा रहा है, जो सामान्यत: 5,000 रुपये से 12,000 रुपये के बीच होता था. एयर इंडिया ने भी अपनी फ्लाइट्स के किराए को आसमान छूते हुए बढ़ा दिया है. जैसे, हैदराबाद से भोपाल के लिए एक बिजनेस क्लास टिकट का किराया 1,27,090 रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, दिल्ली-बेंगलुरु के बीच एक इकोनॉमी क्लास टिकट की कीमत 21,000 रुपये से बढ़कर अब 52,694 रुपये हो गई है.
दिल्ली से जयपुर जाने वाले यात्रियों को भी अपनी यात्रा के लिए 88,000 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि अब डोमेस्टिक फ्लाइट्स के टिकट अंतरराष्ट्रीय रूट्स के टिकटों से भी महंगे हो गए हैं. दिल्ली से न्यूयॉर्क का रिटर्न टिकट 47,500 रुपये का है, जबकि दिल्ली से पटना या बेंगलुरु के लिए एक साधारण टिकट की कीमत भी 40,000 रुपये तक पहुंच गई है.
इंडिगो में स्टाफ की कमी: वजह क्या है?
इंडिगो में इस संकट की एक बड़ी वजह पायलटों और क्रू मेंबर्स की कमी बताई जा रही है. दरअसल, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 1 नवंबर से क्रू मेंबर्स और पायलटों के लिए कुछ नए नियम लागू किए थे. इनमें पायलटों को हफ्ते में दो दिन का वीक-ऑफ अनिवार्य कर दिया गया, जिससे उनकी ड्यूटी के घंटे घटकर 36 घंटे से बढ़कर अब 48 घंटे हो गए. साथ ही, रात की ड्यूटी के लिए नए समय-सीमा भी निर्धारित किए गए हैं, जिससे पायलटों को बेहतर आराम मिल सके और सुरक्षा बढ़ सके. इन नए नियमों का सीधा असर इंडिगो पर पड़ा, क्योंकि इसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है. पायलटों की संख्या में अचानक आई कमी के कारण कई फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा.
हालांकि, DGCA ने इस नए नियम को वापस ले लिया है और तत्काल प्रभाव से इसे रद्द करने का आदेश दिया है, लेकिन तब तक इंडिगो को अपनी व्यवस्था में सुधार करने में काफी वक्त लग सकता है. इस स्थिति से उबरने में समय लगेगा, और उम्मीद की जाती है कि आने वाले दिनों में फ्लाइट्स की संख्या और किराए में सुधार होगा.
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