रूस को आंख दिखा रहा था अजरबैजान, पुतिन ने 24 घंटे में चुकता कर दिया हिसाब-किताब

    Russia Azerbaijan Tensions: रूस और अजरबैजान के बीच संबंधों में बीते कुछ समय से खटास साफ़ तौर पर देखी जा रही है. अब ताजा घटनाक्रम में इस तनातनी ने एक नया मोड़ ले लिया है. अजरबैजान द्वारा रूसी नागरिकों की गिरफ्तारी और पत्रकारों पर कार्रवाई के बाद रूस ने पलटवार करते हुए कड़ी कार्रवाई की है.

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    Russia Azerbaijan Tensions: रूस और अजरबैजान के बीच संबंधों में बीते कुछ समय से खटास साफ़ तौर पर देखी जा रही है. अब ताजा घटनाक्रम में इस तनातनी ने एक नया मोड़ ले लिया है. अजरबैजान द्वारा रूसी नागरिकों की गिरफ्तारी और पत्रकारों पर कार्रवाई के बाद रूस ने पलटवार करते हुए कड़ी कार्रवाई की है. ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच सियासी दरार अब खुलकर सामने आ गई है.

    रूस ने शुरू की कानूनी कार्रवाई

    रूस के येकातेरिनबर्ग शहर के लेनिन्स्की जिला न्यायालय ने अजरबैजानी नागरिक कमर सफारोव को नजरबंद करने का आदेश जारी किया है. अदालत के अनुसार, यह आदेश 19 जुलाई तक प्रभावी रहेगा. कमर सफारोव इस पूरे मामले में सातवां आरोपी है जिसे कानूनी घेरे में लिया गया है.

    अजरबैजान की ओर से रूस को खुली चुनौती

    अजरबैजान ने बीते सप्ताह रूस के प्रति तीखा रवैया अपनाया था. स्पुतनिक एजेंसी के दो पत्रकारों को बाकू पुलिस ने जेल भेज दिया था. इसके साथ ही चार रूसी नागरिकों को ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें अदालत में घुटनों के बल लाकर पेश किया गया. इन कदमों को रूस ने सीधे-सीधे राजनीतिक अपमान के रूप में देखा.

    रूस की जवाबी कार्रवाई

    अजरबैजान के इस रवैये के तुरंत बाद रूस की एफएसबी और पुलिस ने मिलकर येकातेरिनबर्ग में ऑपरेशन चलाया, जिसमें 50 अजरबैजानी नागरिकों को हिरासत में लिया गया. इनमें से 9 लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. लेकिन दो भाइयों जियायुद्दीन और हुसेन सफारोव की हिरासत में मौत हो गई, जिनके शरीर पर चोटों के निशान पाए गए.

    राजनीतिक नहीं, नस्लीय तनाव?

    अजरबैजान ने इस कार्रवाई को सिर्फ आपराधिक मामला नहीं बल्कि नस्लीय भेदभाव और राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है. उसका कहना है कि यह घटना रूसी एजेंसियों की सोची-समझी रणनीति थी जो अजरबैजानी नागरिकों को निशाना बना रही है.

    रिश्तों की तल्ख़ी, पुरानी रंजिशें भी वजह

    रूस और अजरबैजान के बीच तनातनी की जड़ें पुरानी हैं. रूस हमेशा से आर्मेनिया का समर्थन करता रहा है, जबकि अजरबैजान ने हाल ही में आर्मेनिया से संबंध सुधारने की कोशिश की. इसके अलावा अजरबैजान का तुर्की और यूक्रेन के साथ बढ़ता रिश्ता भी रूस को खटकता रहा है.

    अब कार्यक्रमों और दौरे पर लगी रोक

    तनाव के चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ होने वाले कई कार्यक्रमों और आधिकारिक दौरों पर रोक लगा दी है. रूस में रह रहे अजरबैजानी प्रवासी असमंजस और भय की स्थिति में हैं. वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने हिरासत में हुई मौतों और नस्लीय भेदभाव पर सवाल उठाए हैं.

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