Putin In SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में इस बार अमेरिका और उसके रवैये को कड़ी प्रतिक्रिया मिली है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंच से खुलकर डॉलर और अमेरिकी दबदबे को चुनौती दी. उन्होंने एससीओ देशों को अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने और स्वतंत्र भुगतान तंत्र विकसित करने का आह्वान किया, जो अमेरिका के लिए एक बड़ा संदेश है.
पुतिन ने साफ कहा कि एससीओ के सदस्य देश अपने व्यापार के भुगतान में डॉलर का उपयोग छोड़कर अपनी मुद्राओं का सहारा लें. इस बयान से स्पष्ट है कि ट्रंप की डॉलर को कमजोर करने की धमकियों और टैरिफ वॉल की रणनीति को इस मंच पर पूरी तरह खारिज किया गया है. भारत समेत अन्य सदस्य देशों के लिए यह एक बड़ा राजनीतिक और आर्थिक समर्थन माना जा रहा है.
यूरोप- अमेरिका के प्रभुत्व को चुनौती
रूस के राष्ट्रपति ने इस मंच पर यूरोप और अमेरिका के प्रभुत्व को भी चुनौती देते हुए कहा कि दुनिया अब मल्टीपोलर हो गई है. उन्होंने ‘यूरोसेंट्रिक’ और ‘यूरो-अटलांटिक’ मॉडल को पुराना और अप्रासंगिक करार दिया. पुतिन के अनुसार अब वैश्विक सत्ता का केंद्रीकरण कुछ चुनिंदा देशों तक सीमित नहीं रहेगा और एससीओ इस बदलाव का प्रमुख हिस्सा बनेगा.
यूक्रेन संकट की सच्चाई
यूक्रेन को लेकर पुतिन ने स्पष्ट किया कि यह संकट रूस के आक्रामक रवैये से नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों के नाटो विस्तार की कोशिशों और कीव सरकार को उकसाने से उत्पन्न हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी देश अपनी सुरक्षा तब तक सुनिश्चित नहीं कर सकता जब तक कि आसपास के देश विस्तारवादी नीतियों पर चलते रहें.
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