पाकिस्तानी सेना डर-डर कर जी रही, अब 80 प्रतिशत बलूचिस्तान से खोया नियंत्रण; मुनीर फिर बंकर ढूंढेगा!

    बलूचिस्तान में पाकिस्तान की स्थिति कितनी कमजोर हो चुकी है, इसका अंदाज़ा बलोच अमेरिकी कांग्रेस के महासचिव रज्जाक बलोच के बयान से लगाया जा सकता है.

    Pakistani army lost control over 80 percent of Balochistan Munir
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव से अब तक बाहर नहीं आ पाया पाकिस्तान एक और बड़े संकट की ओर बढ़ रहा है. इस बार चुनौती बाहर से नहीं, बल्कि उसके अंदर से उठी है—बलूचिस्तान से. इस अशांत प्रांत में अब हालात पाकिस्तान के नियंत्रण से पूरी तरह बाहर होते जा रहे हैं. बलोच नेताओं ने अब खुले तौर पर आजादी का ऐलान कर दिया है और भारत व संयुक्त राष्ट्र से इस आंदोलन को समर्थन देने की अपील की है.

    “क्वेटा के बाहर नहीं निकल पा रही पाक सेना”

    बलूचिस्तान में पाकिस्तान की स्थिति कितनी कमजोर हो चुकी है, इसका अंदाज़ा बलोच अमेरिकी कांग्रेस के महासचिव रज्जाक बलोच के बयान से लगाया जा सकता है. TAG टीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना क्वेटा के बाहर अंधेरे में कदम भी नहीं रख सकती. शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे तक सैनिक अपने ठिकानों में सिमटे रहते हैं, क्योंकि बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं.

    रज्जाक बलोच का कहना है कि बलूचिस्तान का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा अब पाकिस्तान के नियंत्रण में नहीं है. यहां पर बलोच विद्रोहियों का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यह हालात केवल आंतरिक संघर्ष नहीं, बल्कि एक मजबूत स्वतंत्रता आंदोलन की ओर इशारा करते हैं.

    भारत और अमेरिका से समर्थन की अपील

    रज्जाक बलोच ने भारत और अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशों से इस स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने की अपील की है. उन्होंने कहा, “अगर भारत हमारा समर्थन करता है, तो बलूचिस्तान के द्वार भारत के लिए खुल सकते हैं.” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय पर समर्थन नहीं मिला, तो पाकिस्तानी सेना की बर्बरता और बढ़ सकती है, जिससे पूरे क्षेत्र की शांति को खतरा होगा.

    उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बलूच नेताओं को वैश्विक मंच पर जगह देने और आत्मनिर्णय के अधिकार को मान्यता देने की मांग की है.

    "बांग्लादेश जैसी होगी पाकिस्तान की हालत"

    रज्जाक बलोच ने साफ शब्दों में कहा कि यदि पाकिस्तान ने बलूच जनता की आवाज नहीं सुनी, तो उसे भी 1971 की तरह बांग्लादेश से नंगे पांव भागना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी भी समय है कि पाकिस्तानी सेना सम्मानपूर्वक पीछे हटे और बलूचिस्तान में सैन्य दमन को रोके.

    लगातार बढ़ रहे हमले, आजादी की आवाज बुलंद

    बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठनों, खासकर बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने हाल के दिनों में पाकिस्तानी सेना और चीन समर्थित प्रोजेक्ट्स पर कई बड़े हमले किए हैं. यह आंदोलन अब न सिर्फ एक विरोध है, बल्कि पूर्ण स्वतंत्रता की ओर तेजी से बढ़ती लहर बन चुका है.

    कुछ दिन पहले बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलोच ने भी सोशल मीडिया पर बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा करते हुए लिखा था, “बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है.” उन्होंने भारत को समर्थन का भरोसा दिलाते हुए लिखा कि, “नरेंद्र मोदी, आप अकेले नहीं हैं. आपके पास बलूच देशभक्तों का साथ है.”

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