फिर दहल उठा पाकिस्तान, सेना समर्थक रैली पर किया ग्रेनेड अटैक; मोटरसाइकिल सवार ने फेंका हथगोला

    क्वेटा में आयोजित एक सेना समर्थक रैली उस समय खून में नह गई, जब मोटरसाइकिल सवार एक हमलावर ने रैली में शामिल लोगों पर हथगोला फेंक दिया.

    Pakistan grenade attack on pro-army rally
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान का अशांत प्रांत बलूचिस्तान एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गया है. बुधवार को क्वेटा में आयोजित एक सेना समर्थक रैली उस समय खून में नह गई, जब मोटरसाइकिल सवार एक हमलावर ने रैली में शामिल लोगों पर हथगोला फेंक दिया. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

    सेना के समर्थन में हो रही थी रैली, निशाना बन गए आम लोग

    यह रैली भारत के खिलाफ पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई के समर्थन में आयोजित की गई थी, जिसमें लगभग 150 लोग भाग ले रहे थे. वे कारों और मोटरसाइकिलों से एक हॉकी मैदान की ओर बढ़ रहे थे, जब यह हमला हुआ. स्थानीय पुलिस प्रमुख मोहम्मद मलघानी ने बताया कि यह कार्यक्रम सरकारी संरक्षण में आयोजित किया गया था.

    हमले में घायल हुए लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दो की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है. सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता वसीम बेग ने इसकी पुष्टि की.

    संदेह की सुई फिर बीएलए की ओर

    हालांकि अब तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पुलिस को संदेह है कि इसके पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ हो सकता है. यह वही संगठन है जो वर्षों से बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग को लेकर सशस्त्र संघर्ष कर रहा है.

    "हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं" – मीर यार बलोच

    बलूचिस्तान में अलगाव की भावना अब खुलेआम उभरने लगी है. बलूच नेता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट कहा, “बलूचों को अब पाकिस्तान का हिस्सा न समझा जाए. हमने अपना राष्ट्रीय फैसला ले लिया है और अब दुनिया को भी चुप नहीं रहना चाहिए.” उनकी इस घोषणा के बाद बलूचिस्तान में प्रदर्शनों का सिलसिला तेज़ हो गया है, और जनता पाकिस्तान से पूरी तरह अलग होने की मांग कर रही है.

    जनवरी में हुए बड़े हमले में 47 सैनिक मारे गए थे

    यह पहली बार नहीं है जब बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया है. जनवरी 2025 में बलूचिस्तान के तुर्बत क्षेत्र में BLA की मजीद ब्रिगेड ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 47 पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारे गए और 30 से अधिक घायल हुए थे. उस हमले की जिम्मेदारी बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने ली थी.

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