भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुआ चार दिनों का सैन्य संघर्ष अब वैश्विक विश्लेषकों और रणनीतिक विशेषज्ञों के लिए गहन चर्चा का विषय बन चुका है. अमेरिका के प्रतिष्ठित अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में सेटेलाइट से प्राप्त हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों के आधार पर दावा किया है कि इस संघर्ष में भारत को रणनीतिक बढ़त हासिल हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों और हवाई अड्डों पर हुए हमलों में भारत ने न केवल सटीक निशाना साधा, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावी नुकसान भी पहुंचाया.
सटीक हमले और सीमित लेकिन निर्णायक नुकसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही दोनों देशों ने एक-दूसरे के रक्षा ढांचे और एयरबेस को टारगेट किया हो, लेकिन वास्तविक नुकसान की पुष्टि सेटेलाइट तस्वीरों के जरिए ज़्यादातर भारतीय हमलों के संदर्भ में ही होती है. पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों के नुकसान को अभी तक साफ़ तौर पर प्रमाणित नहीं किया जा सका है.
भारत द्वारा किए गए हमलों को "सटीक और रणनीतिक" बताया गया है, जो आधुनिक हाई-टेक युद्ध के युग में एक निर्णायक पहल मानी जा रही है.
भोलारी और नूर खान एयरबेस को बनाया गया निशाना
भारत के रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ऑपरेशन के दौरान भारत ने कराची से 100 मील से कम दूरी पर स्थित भोलारी एयरबेस पर सटीक हमला किया, जहां एक विमान हैंगर को नुकसान पहुंचाया गया. इसके अलावा, नूर खान एयरबेस पर हमला इस ऑपरेशन का सबसे संवेदनशील हिस्सा माना गया. यह एयरबेस न केवल पाकिस्तान के सैन्य मुख्यालय के नज़दीक है, बल्कि परमाणु हथियारों की सुरक्षा में तैनात यूनिट के पास स्थित होने के कारण बेहद अहम माना जाता है.
रनवे और रडार भी बने निशाना
भारत ने पाकिस्तान के कई हवाई ठिकानों पर रनवे और रडार संरचनाओं को भी निशाना बनाया. रिपोर्ट में कहा गया है कि:
पाकिस्तानी दावों पर सवाल
पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के उधमपुर एयरबेस को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि 12 मई को ली गई सेटेलाइट तस्वीरों में ऐसे किसी नुकसान के कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं.
यह भी बताया गया कि भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत यह जवाबी कार्रवाई की थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में की गई थी. उस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे.
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