पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की है. वह इस समय अजरबैजान में आर्थिक सहयोग संगठन (ECO) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गए हुए हैं, जहां उन्होंने भारत पर गंभीर आरोप लगाए. शहबाज ने भारत पर 'पानी के हथियारीकरण' का आरोप लगाया और सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के भारत के फैसले को संधि का उल्लंघन करार दिया. उन्होंने कहा कि यह कदम पाकिस्तान के 24 करोड़ नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
सिंधु जल समझौते पर भारत का निर्णय
भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. पाकिस्तान ने इसे अपनी जीवनरेखा के रूप में देखा है, क्योंकि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस निर्णय को लेकर शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों के लिए है, और भारत की यह कार्रवाई युद्ध के समान है."
युद्ध का इशारा
ईसीओ शिखर सम्मेलन के मंच से शहबाज शरीफ ने भारत को चेतावनी दी और कहा कि पाकिस्तान को इस 'खतरनाक रास्ते' पर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उनका कहना था कि भारत की यह कार्रवाई पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की ओर बढ़ने जैसा कदम है. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रभावित जिलों में पिछले कुछ समय में कई लोगों की जान गई है. उनके शब्दों में, "यह किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता."
सैन्य टकराव और क्षेत्रीय शांति
इसके अलावा, शहबाज ने भारत के साथ हालिया सैन्य टकराव का भी उल्लेख किया और आरोप लगाया कि पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान के खिलाफ हमला क्षेत्रीय शांति को अस्थिर करने का एक और प्रयास है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के ऐसे कदम केवल पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी हैं.
अजरबैजान और तुर्की से समर्थन की अपील
शिखर सम्मेलन के दौरान, शहबाज शरीफ ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव से भी मुलाकात की और इस दौरान उनके देश द्वारा पाकिस्तान को संघर्ष के दौरान दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. इसके अलावा, उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन से भी मुलाकात की, जिनसे उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान के हितों की रक्षा के लिए सहयोग की उम्मीद जताई.
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