खत्म हो जाएगा पाकिस्तान! बलूचिस्तान के बाद एक और प्रांत ने छेड़ी जंग? शुरू हुआ बड़ा विरोध प्रदर्शन

    सिंध को स्वतंत्र देश बनाने की मांग करने वाला संगठन जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (JSFM) अब खुलकर मैदान में आ चुका है.

    Pakistan After Balochistan another province started protest
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के बाद अब सिंध भी आज़ादी की मांग को लेकर उबलने लगा है. दशकों से सिंधी अस्मिता, सांस्कृतिक पहचान और राजनीतिक स्वायत्तता की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही पाक सरकार को अब एक और मोर्चे का सामना करना पड़ रहा है. सिंध को स्वतंत्र देश बनाने की मांग करने वाला संगठन जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (JSFM) अब खुलकर मैदान में आ चुका है.

    राजमार्ग पर शांतिपूर्ण विरोध, लापता कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग

    शुक्रवार को JSFM ने पाकिस्तान के एक अहम राजमार्ग पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करते हुए लापता और अवैध रूप से जेल में बंद सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग उठाई. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह विरोध उन हज़ारों कार्यकर्ताओं के लिए है, जिन्हें या तो झूठे मामलों में फंसाकर कैद कर लिया गया है या फिर जबरन लापता कर दिया गया है.

    JSFM अध्यक्ष सोहेल अब्रो, जुबैर, अमर आज़ादी और अन्य नेताओं ने सार्वजनिक रूप से जाहिद चन्ना, सज्जाद चन्ना, अदनान बलूच और शाहिद सूमरो जैसे कार्यकर्ताओं की तुरंत रिहाई की मांग की. उन्होंने साफ किया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है, लेकिन अगर सरकार की दमनकारी नीति जारी रही, तो आंदोलन और तीव्र होगा.

    अंतरराष्ट्रीय मंचों से लगाई न्याय की गुहार

    प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र, एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसे संगठनों से अपील की कि वे सिंध और बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर हस्तक्षेप करें. JSFM ने चेतावनी दी कि जेलों में बंद कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार जारी रहा, तो वे जेलों के मुख्य द्वारों को घेरकर बंद कर देंगे.

    सिंध में दमन और अस्मिता संकट

    सिंधी राष्ट्रवादियों का आरोप है कि पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान लगातार उनकी सांस्कृतिक पहचान को मिटाने की साज़िश कर रहा है. संस्थागत भेदभाव, जबरन गायबियां, पुलिसिया दमन और मीडिया पर पाबंदियों के जरिए सिंधी समाज को चुप कराने की कोशिश की जा रही है.

    वर्ष 2022 में अमेरिकी विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में भी सिंध प्रांत में न्यायेतर हत्याओं और क्षत-विक्षत शवों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई थी. इन घटनाओं ने पाकिस्तान की कथित लोकतांत्रिक छवि पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.

    बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा के बाद बढ़ा दबाव

    इस घटनाक्रम से कुछ दिन पहले ही बलूच नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान से आज़ादी की घोषणा की थी, जिसके बाद #RepublicOfBalochistan जैसे हैशटैग ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड करने लगे. अब सिंध में उभरती आज़ादी की मांग ने पाकिस्तानी हुकूमत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है.

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