अल कायदा का आतंक, 200 सैनिकों को उतारा मौत के घाट; पुलिस स्टेशन और बाजार को भी बनाया निशाना

    बुर्किना फासो, जो पहले ही चरमपंथी हिंसा से जूझ रहा है, अब इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक का गवाह बना है.

    Al Qaeda terror 200 soldiers killed
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    अफ्रीका के अशांत क्षेत्र साहेल में एक बार फिर आतंकवाद ने भयावह रूप दिखाया है. बुर्किना फासो, जो पहले ही चरमपंथी हिंसा से जूझ रहा है, अब इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक का गवाह बना है. अल-कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत उल-इस्लाम वा अल-मुस्लिमीन (JNIM) ने देश के एक प्रमुख सैन्य अड्डे और नागरिक क्षेत्रों पर भीषण हमला किया है. आतंकियों का दावा है कि इस हमले में 200 सैनिक मारे गए हैं.

    हमले का व्यापक प्रभाव

    यह हमला बुर्किना फासो के उत्तरी क्षेत्र में स्थित जिबो शहर में रविवार सुबह किया गया. हमलावरों ने न केवल सैन्य अड्डे को निशाना बनाया, बल्कि एक पुलिस स्टेशन और स्थानीय बाजार को भी तबाह कर दिया. स्थानीय निवासियों और चश्मदीदों ने बताया कि हमले में दर्जनों सैनिकों और आम नागरिकों की मौत हुई है. हालांकि, सरकारी तौर पर अभी तक हताहतों की पुष्टि नहीं की गई है.

    आतंकी संगठन ने किया दावा

    अमेरिका आधारित SITE इंटेलिजेंस ग्रुप के मुताबिक, JNIM ने अपने एक आधिकारिक बयान में 200 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है. SITE वर्षों से अफ्रीका में सक्रिय सशस्त्र संगठनों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रख रहा है. इस रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला पिछले कुछ महीनों में संगठन की बढ़ती गतिविधियों और हमलावर क्षमता का संकेत देता है.

    शहरों से लोगों को खदेड़ने की रणनीति

    आतंकी संगठन की रणनीति केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं है. रिपोर्टों के अनुसार, JNIM के कमांडर ओसमान डिको एक वीडियो संदेश में जिबो के लोगों को धमकी देते हुए नजर आया, जिसमें उसने उन्हें सुरक्षा कारणों से शहर छोड़ने को कहा. यह वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाया गया, जिसमें संगठन ने और क्षेत्रों पर कब्जा करने की धमकी दी.

    सरकार की स्थिति पर सवाल

    बुर्किना फासो के सैन्य नेता इब्राहिम ट्रोरे हाल ही में दावा कर रहे थे कि सरकार अब देश के बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल कर रही है और लोग अपने घरों में लौट सकते हैं. लेकिन इस ताजा हमले ने उनकी बातों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अल जज़ीरा के पत्रकार निकोलस हक के अनुसार, यह हमला कई दिनों तक चला और सशस्त्र समूहों की ताकत इतनी थी कि उन्होंने शहर की सुरक्षा करने वाली प्रमुख सैन्य चौकी को भी नेस्तनाबूद कर दिया.

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