भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड (NSAB) में बड़ा बदलाव किया है. इस बदलाव का समय और चयनित सदस्यों की पृष्ठभूमि इसे बेहद अहम बनाते हैं, खासकर पाकिस्तान के साथ चल रहे तनावपूर्ण रिश्तों के परिप्रेक्ष्य में.
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार पांच उच्चस्तरीय बैठकें कीं, जिसके बाद यह स्पष्ट संकेत मिले कि सरकार अब सुरक्षा मामलों को लेकर कहीं अधिक आक्रामक और निर्णायक रणनीति अपना सकती है. NSAB अब पूर्ववर्ती कूटनीतिज्ञों और शिक्षाविदों की बजाय ऐसे अनुभवी सैन्य व खुफिया अधिकारियों से सुसज्जित है, जो मैदान में रणनीति को अंजाम देने का लंबा अनुभव रखते हैं.
NSAB में शामिल हुए नए चेहरे:
1. आर. आलोक जोशी
पूर्व RAW प्रमुख और IPS अधिकारी, जोशी 2012-2014 के दौरान भारत की खुफिया एजेंसी का नेतृत्व कर चुके हैं. पाकिस्तान की रणनीतियों और उसकी खुफिया एजेंसी ISI के तौर-तरीकों से वे भलीभांति परिचित हैं. उनकी नियुक्ति इस बोर्ड को एक तीव्र खुफिया दृष्टिकोण प्रदान करेगी.
2. डी. बी. वेंकटेश वर्मा
पूर्व भारतीय राजनयिक, वर्मा परमाणु अप्रसार (non-proliferation) और दक्षिण एशिया सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ हैं. रूस, जिनेवा और स्पेन जैसे देशों में कार्यरत रह चुके वर्मा पाकिस्तान से जुड़ी परमाणु नीति और कूटनीतिक वार्ताओं में गहराई से जुड़े रहे हैं.
3. एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी और वेस्टर्न एयर कमांड के पूर्व प्रमुख, सिन्हा को 4,500 घंटे की उड़ान का अनुभव है. एक अनुभवी फाइटर पायलट के रूप में वे पाकिस्तान की एयरफोर्स की ताकत और कमजोरियों को अच्छी तरह समझते हैं.
4. लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह
भारतीय सेना के साउदर्न कमांड के पूर्व प्रमुख, सिंह को जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों और सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था का गहन अनुभव है. उनके पास ग्राउंड ऑपरेशंस और सैन्य रणनीति का बड़ा कौशल है.
5. रियर एडमिरल मोंटी खन्ना
भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व वॉर कॉलेज कमांडेंट, खन्ना समुद्री सुरक्षा रणनीतियों के विशेषज्ञ हैं. उन्होंने नेवल एक्शन और कोस्टल डिफेंस की योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
6. राजीव रंजन वर्मा
1990 बैच के IPS अधिकारी, वर्मा आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों के जानकार हैं. डीजी (रेलवे सुरक्षा बल) के रूप में उन्होंने रेल नेटवर्क को पाकिस्तान समर्थित आतंकी गतिविधियों से सुरक्षित रखने में अहम योगदान दिया.
7. मनमोहन सिंह
पूर्व IPS अधिकारी मनमोहन सिंह ने कई राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली है. उनका योगदान विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और खुफिया रणनीति के क्षेत्र में उपयोगी साबित होगा.
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