मुजीब का नामोनिशान मिटाने पर आमदा यूनुस सरकार! जारी की नई करेंसी; अब नोटों पर दिखेंगी ये तस्वीरें

    Bangladesh Currency Changed: ढाका से एक बड़ा बदलाव सामने आया है, जहां बांग्लादेश सरकार ने रविवार को नए बैंक नोट जारी किए हैं. इन नोटों से पहली बार देश के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी गई है.

    Muhammad Yunus Government changed bangladesh currency
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    Bangladesh Currency Changed: ढाका से एक बड़ा बदलाव सामने आया है, जहां बांग्लादेश सरकार ने रविवार को नए बैंक नोट जारी किए हैं. इन नोटों से पहली बार देश के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी गई है. उनके स्थान पर अब बांग्लादेश की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े दृश्य नजर आएंगे. इस बदलाव को लेकर राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं, खासकर तब जब देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गंभीर आरोप लगे हैं.

    अब नोटों पर नहीं होगी किसी व्यक्ति की तस्वीर

    बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक (Bangladesh Bank) ने नई सीरीज के तहत जो नोट जारी किए हैं, उनमें किसी भी व्यक्तिगत फोटो को शामिल नहीं किया गया है. बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "नए नोटों पर केवल प्राकृतिक परिदृश्य, ऐतिहासिक स्थल, और संस्कृतिक प्रतीक दर्शाए जाएंगे." को 9 मूल्यवर्गों में से तीन नए नोट जारी किए गए हैं. बाकी के नोट चरणबद्ध तरीके से देशभर में सेंट्रल बैंक की शाखाओं के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे.

    धरोहर और शहीद स्मारक होंगे नए नोटों की शोभा

    नए डिजाइनों में हिंदू और बौद्ध मंदिर, ब्रिटिश काल के अकाल पर आधारित जैनुल आबेदीन की कलाकृति, और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को समर्पित राष्ट्रीय स्मारक की छवियां शामिल हैं. इन तस्वीरों के माध्यम से सरकार देश की विविधता और इतिहास को नया रूप देने की कोशिश कर रही है.

    राजनीतिक संदर्भ और इतिहास

    यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश ने अपने नोटों के डिजाइनों में बदलाव किया हो. 1972 में आजादी के बाद जारी किए गए नोटों पर देश का नक्शा दिखाया गया था. बाद में जब अवामी लीग सत्ता में आई और शेख हसीना ने नेतृत्व संभाला, तब शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीरें नोटों का हिस्सा बनीं. अब एक बार फिर राजनीतिक हवा के साथ मुद्रा का चेहरा बदला गया है.

    शेख हसीना के खिलाफ गंभीर आरोप

    सियासी बदलाव के बीच, शेख हसीना को लेकर एक बड़ा घटनाक्रम भी सामने आया है. 2023 के छात्र आंदोलन और विवादास्पद कोटा सिस्टम को लेकर हुए देशव्यापी विद्रोह के बाद, हसीना को सत्ता गंवानी पड़ी थी. आरोप है कि उन्होंने हिंसा को जानबूझकर भड़काया और आदेश दिए जिससे सामूहिक हत्याएं हुईं. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में हुई सुनवाई में मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा कि हिंसा किसी स्वाभाविक प्रतिक्रिया का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह एक 'योजनाबद्ध और समन्वित हमला' था. हसीना पर अब मानवता के खिलाफ अपराधों का औपचारिक मुकदमा दर्ज किया गया है.

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