भारत और पाकिस्तान के बीच बयानबाज़ी एक बार फिर तेज़ हो गई है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान की आलोचना की है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की सेना को भारत की कई चुनौतियों और विवादों की वजह बताया था. इस टिप्पणी को इस्लामाबाद ने “उकसाने वाला और निराधार” कहा है.
नई दिल्ली में आयोजित हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान की राजनीतिक संरचना पर बात करते हुए कहा था कि पड़ोसी देश की नीतियों पर सेना का बड़ा प्रभाव है और भारत के साथ उसके संबंधों में आने वाले अधिकांश तनाव वहीं से उत्पन्न होते हैं.
पाकिस्तान में शासन व्यवस्था सेना के नियंत्रण में- जयशंकर
जयशंकर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में जो राजनीतिक और प्रशासनिक संकट दिखाई देता है, वह उसके पिछले आठ दशकों से चली आ रही सैन्य दखलंदाज़ी का परिणाम है. उनके अनुसार, पाकिस्तान में शासन व्यवस्था कभी सीधे सेना के नियंत्रण में रही है और कभी पर्दे के पीछे से संचालित होती रही है.
Jaishankar's Sharp Warning: Pak Army Threat Real, India Ready to Strike Back! 🇮🇳⚔️
— Voice Of Bharat 🇮🇳🌍 (@Kunal_Mechrules) December 6, 2025
- At HTLS 2025, EAM S Jaishankar says most India problems, like terror, come from Pakistan Army under chief Asim Munir.
- He calls Munir "not-so-good" leader, like bad terrorists, but India won't… pic.twitter.com/GC1225kWQP
पाकिस्तान ने सेना को बताया राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य स्तंभ
जयशंकर की टिप्पणी के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंदराबी ने आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत की तरफ से दिया गया बयान “गैर-जिम्मेदाराना” है और यह पाकिस्तान की संस्थाओं और नेतृत्व की छवि खराब करने की कोशिश का हिस्सा है.
अंदराबी ने दावा किया कि पाकिस्तान की सेना देश की सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है और किसी भी आकस्मिक स्थिति या आक्रमण का जवाब देने की पूर्ण क्षमता रखती है. उन्होंने यह भी कहा कि मई महीने में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के दौरान पाकिस्तानी सेना ने अपनी क्षमताओं का स्पष्ट प्रदर्शन किया था.
इस्लामाबाद ने भारत पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया
पाकिस्तानी प्रवक्ता ने कहा कि भारत लगातार पाकिस्तान की आंतरिक परिस्थितियों को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह बयानबाज़ी भारत की उन गतिविधियों से ध्यान भटकाने का प्रयास है, जिन्हें पाकिस्तान अस्थिरता पैदा करने वाली मानता है.
पाकिस्तान का कहना है कि भारत बार-बार पड़ोसी देशों पर आरोप लगाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक लाइन को सही ठहराने में लगा रहता है.
चीन के अरुणाचल दावे पर पाकिस्तान का खुला समर्थन
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी विवाद के समानांतर पाकिस्तान ने चीन के साथ अपनी सामरिक नज़दीकी को फिर एक बार रेखांकित किया है. 5 दिसंबर की प्रेस ब्रीफिंग में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर अंदराबी ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे का सीधा समर्थन किया.
उन्होंने कहा कि चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित हर मुद्दे पर पाकिस्तान उसका दृढ़ समर्थक है.
यह बयान तब आया है जब चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताया था. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा था कि "जांगनान", जिसे भारत अरुणाचल प्रदेश के रूप में पहचानता है, चीन का अभिन्न अंग है.
अरुणाचल प्रदेश भारत का अविभाज्य हिस्सा है
चीन के दावे का जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. उन्होंने कहा कि चीन चाहे जितनी बार दावा करे, इससे वास्तविक स्थिति नहीं बदल जाएगी. भारत ने ऐसे किसी भी बयान को पूरी तरह खारिज किया है.
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