इंडियन नेवी को मिलेगी रूसी ताकत, भारत को Yasen-Class न्यूक्लियर सबमरीन देने के लिए तैयार, जानें खासियत

    भारतीय नौसेना को जल्द ही रूस की अत्याधुनिक Yasen-Class न्यूक्लियर अटैक सबमरीन मिल सकती है.

    India will get Russias Yasen-Class nuclear submarine
    Image Source: Social Media

    नई दिल्ली/मॉस्को: भारतीय नौसेना को जल्द ही रूस की अत्याधुनिक Yasen-Class न्यूक्लियर अटैक सबमरीन मिल सकती है. सूत्रों के अनुसार, रूस न केवल इन पनडुब्बियों को लीज पर देने पर तैयार है, बल्कि इसके साथ जुड़े तकनीकी ज्ञान को साझा करने पर भी विचार कर रहा है. यदि यह समझौता अंतिम रूप लेता है, तो भारत की समुद्री ताकत में एक बड़ा इजाफा होगा और यह कदम हिंद महासागर में भारत की सामरिक पकड़ को मजबूत करने में मदद करेगा.

    विशेषज्ञ मानते हैं कि Yasen-Class जैसी पनडुब्बियों के तकनीकी हस्तांतरण से भारतीय पनडुब्बी निर्माण और ऑपरेशन क्षमता नई ऊंचाई तक पहुंच सकती है.

    Yasen-Class पनडुब्बी: ताकत और खासियत

    Yasen-Class को रूस के मलाखित डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया गया है. यह दुनिया की सबसे उन्नत अटैक सबमरीनों में शामिल है.

    • लंबाई लगभग 139 मीटर और विस्थापन लगभग 13,800 टन.
    • अत्याधुनिक स्टील्थ डिजाइन, जिससे पानी के भीतर आवाज़ लगभग नहीं होती.
    • उच्च गहराई और लंबी दूरी की ऑपरेशन क्षमता.

    मिसाइलों की एक बड़ी श्रृंखला से लैस, जिसमें शामिल हैं:

    • Zircon हाइपरसोनिक मिसाइल
    • Oniks एंटी-शिप मिसाइल
    • Kalibr लैंड-अटैक मिसाइल
    • 10 टॉरपीडो ट्यूब और भारी टॉरपीडो ले जाने की क्षमता.

    Yasen-Class पनडुब्बियां गोपनीय और तेज़ हमले के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं. यह समुद्र के भीतर दुश्मन पर अचानक और प्रभावी हमला करने में सक्षम हैं.

    भारत की Project-77 SSN योजना

    भारत पहले से ही अपने Project-77 SSN के तहत आठ आधुनिक परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत को विश्वस्तरीय परमाणु अटैक सबमरीन बेड़े से लैस करना है.

    • परियोजना की कुल लागत लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये.
    • दो पनडुब्बियां लगभग तैयार हैं, जबकि बाकी का निर्माण जारी है.
    • यह फ्लीट पूरी तरह भारतीय डिज़ाइन और निर्माण पर आधारित है.
    • Yasen-Class तकनीक के जुड़ने से Project-77 की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.

    इस तकनीकी हस्तांतरण से भारत अपने घरेलू SSN प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण अनुभव और नई तकनीक प्राप्त कर सकता है.

    पनडुब्बी की रणनीतिक महत्वता

    Yasen-Class जैसी परमाणु पनडुब्बी से भारत की नौसेना को कई लाभ मिल सकते हैं:

    • हिंद महासागर क्षेत्र में सामरिक बढ़त – यह पनडुब्बी दुश्मनों को अप्रत्याशित हमले के लिए चुनौती देगी.
    • दीर्घकालिक ऑपरेशनल क्षमता – परमाणु ऊर्जा के कारण लंबी अवधि तक पानी के भीतर रह सकती है.
    • हाइपरसोनिक और बहु-रोल मिसाइल सिस्टम – हमला और रक्षा दोनों मिशनों में सक्षम.
    • स्थानीय SSN निर्माण में तकनीकी मदद – भविष्य की भारतीय पनडुब्बियों की डिजाइन और निर्माण में योगदान.

    विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो यह भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक उछाल साबित होगी.

    पाकिस्तान की तुलना में भारत की ताकत

    भारत जहां Yasen-Class जैसी अत्याधुनिक पनडुब्बियों को जोड़ने पर विचार कर रहा है, वहीं पाकिस्तान का बेड़ा अभी भी सीमित है.

    पाकिस्तान के पास कुछ Agosta श्रृंखला की डीज़ल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं, जिनमें AIP तकनीक का उपयोग होता है.

    चीन से मिलने वाली Hangor-Class पनडुब्बियां पाकिस्तान के बेड़े में शामिल हो रही हैं, लेकिन ये तकनीक और क्षमता में भारत के मुकाबले अभी सीमित हैं.

    विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के पास आने वाली Yasen-Class पनडुब्बियां पाकिस्तानी बेड़े से कई स्तर ऊपर होंगी, खासकर स्टील्थ, मिसाइल क्षमता और लंबी अवधि की पानी के भीतर ऑपरेशन क्षमता में.

    ये भी पढ़ें- ट्रंप का पीस फॉर्मूला 44 दिन में फेल, टूट गया थाईलैंड-कंबोडिया का सीजफायर, फिर शुरू हुए हवाई हमले