नई दिल्ली: राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद का माहौल सोमवार को पूरी तरह ऐतिहासिक बन गया. लोकसभा में इस मुद्दे पर लंबी बहस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. सरकार का कहना है कि इस चर्चा के माध्यम से गीत के उन पहलुओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा, जिनके बारे में आमतौर पर लोग कम जानते हैं. हालांकि इस बहस के दौरान राजनीतिक टकराव की आशंका भी जताई जा रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री पहले ही कांग्रेस पर इस गीत के मूल छंदों को बदले जाने का आरोप लगा चुके हैं.
लोकसभा में आयोजित इस चर्चा के लिए पूरे 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं. पीएम मोदी के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सदन को संबोधित करेंगे. विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा, गौरव गोगोई सहित कई प्रमुख नेता अपनी बात रख सकते हैं. इसी तरह, राज्यसभा में मंगलवार को इस मुद्दे पर विस्तृत बहस होगी, जिसकी शुरुआत गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री और सदन के नेता जे.पी. नड्डा दूसरे वक्ता रहेंगे.
पीएम मोदी ने याद किया आपातकाल का इतिहास
लोकसभा में अपनी टिप्पणी की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वंदे मातरम्’ की ऐतिहासिक यात्रा का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह गीत 150 वर्षों में कई निर्णायक मोड़ों का साक्षी रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, "जब ‘वंदे मातरम्’ के 50 वर्ष पूरे हुए थे, तब देश ब्रिटिश शासन की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था. जब 100 वर्ष पूरे हुए, तब देश आपातकाल के अंधकार से गुजर रहा था. जिस समय इस गीत के सदीपूर्ति उत्सव को सर्वोत्तम तरीके से मनाया जाना चाहिए था, उसी समय संविधान की मूल भावनाओं को कुचल दिया गया था."
Speaking in the Lok Sabha. https://t.co/qYnac5iCTB
— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2025
मोदी ने आगे कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय यह गीत संघर्ष, त्याग और बलिदान की प्रेरणा बनकर पूरे देश में गूंजा था. लेकिन इसके सौ वर्ष पूरे होने पर ही लोकतंत्र को दबाने की कोशिशें हुईं.
हमारे लिए गर्व का क्षण- लोकसभा में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने सदन में उपस्थित सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवसर हर भारतीय के लिए गौरव का पल है. उन्होंने कहा, "वंदे मातरम् वह मंत्र है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को जोश दिया, दिशा दी. यह गीत केवल नारा नहीं, बल्कि उस ऊर्जा का स्रोत था जिसने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया. आज हम सभी इस गीत की 150वीं वर्षगांठ के साक्षी बन रहे हैं- यह अपने आप में ऐतिहासिक अवसर है."
मोदी ने कहा कि इस चर्चा से आने वाली पीढ़ियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि वंदे मातरम् भारत के राष्ट्रीय चेतना से कैसे जुड़ा रहा और किस तरह यह स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बना.
कंगना रनौत ने कांग्रेस पर किया हमला
भाजपा सांसद कंगना रनौत भी इस चर्चा के दौरान मुखर दिखाई दीं. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् वह गीत है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवाद की चिंगारी जलाई और अंग्रेज़ों की नीतियों को चुनौती दी.
कंगना ने आरोप लगाया, "यह गीत भारत की उस शक्ति का प्रतीक है जिसने विदेशी शासन की नींव हिला दी थी. लेकिन बाद की कांग्रेस सरकारों ने इसमें देवी दुर्गा से जुड़े पूरे हिस्से को हटा दिया. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा वाले इस गीत के साथ ऐसा व्यवहार किया गया."
उन्होंने कहा कि इस गीत को आज उसका स्थान और सम्मान वापस मिल रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. पार्टी का कहना है कि धार्मिक पंक्तियों पर आपत्ति के चलते केवल प्रथम दो छंदों को स्वीकार किया गया था और यह निर्णय स्वतंत्रता आंदोलन के शीर्ष नेतृत्व की आम सहमति से लिया गया था.
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