तेल अवीव: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया भर के 60 से अधिक देशों पर नए टैरिफ लगाए जाने के फैसले के बाद वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई है. कई देशों ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि कुछ ने कूटनीतिक बातचीत का रास्ता अपनाया है. अमेरिका के महत्वपूर्ण सहयोगी देशों में से एक, इजरायल ने भी बातचीत के जरिये इस मुद्दे को हल करने की रणनीति अपनाई है. ट्रंप प्रशासन द्वारा इजरायली उत्पादों पर 17% टैरिफ लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने व्यक्तिगत रूप से इस मसले को सुलझाने के लिए अमेरिका जाने का निर्णय लिया है.
नेतन्याहू और ट्रंप की संभावित वार्ता
सूत्रों के मुताबिक, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू सोमवार को अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां उनकी वाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है. इस बैठक में टैरिफ के अलावा ईरान के परमाणु कार्यक्रम, गाजा संकट और अन्य सामरिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
Axios की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू और ट्रंप ने गुरुवार को टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें टैरिफ का मुद्दा प्रमुख रहा. इस चर्चा के दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू को व्यक्तिगत रूप से इस विषय पर वार्ता के लिए वाइट हाउस आमंत्रित किया.
इजरायल की रणनीति और संभावित छूट
इजरायल सरकार ने ट्रंप के टैरिफ फैसले से पहले ही अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए अपने शुल्क को हटाने की घोषणा की थी. इस कदम से उसे उम्मीद थी कि अमेरिका उसकी वस्तुओं पर टैरिफ नहीं लगाएगा. बावजूद इसके, ट्रंप प्रशासन ने इजरायली उत्पादों पर 17% टैरिफ लगा दिया, जिससे व्यापारिक जगत में चिंता बढ़ गई.
अब नेतन्याहू की यह यात्रा इजरायल के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस दौरान वे ट्रंप को टैरिफ में छूट देने के लिए मनाने का प्रयास करेंगे. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि ट्रंप इस मामले में रियायत देंगे, लेकिन इजरायल की सरकार को उम्मीद है कि बातचीत के माध्यम से कोई सकारात्मक समाधान निकल सकता है.
वाशिंगटन दौरे की आधिकारिक पुष्टि नहीं
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू के इस दौरे की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. हालांकि, वाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी और इजरायल सरकार के तीन अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर इस यात्रा की पुष्टि की है.
अगर यह यात्रा होती है, तो यह नेतन्याहू की गाजा युद्ध के बाद चौथी अमेरिका यात्रा होगी. इसके अलावा, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका दूसरा वॉशिंगटन दौरा होगा. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इजरायल इस बातचीत के जरिये ट्रंप प्रशासन से टैरिफ छूट पाने में सफल होता है या नहीं.
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