नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) ने 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह योजना छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए एक बड़ा संबल बनी है. इस योजना के तहत अब तक 32 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है, जिसमें 68% लाभार्थी महिलाएं हैं.
मुद्रा योजना: आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 2015 में हुई थी, जिसका उद्देश्य बिना गारंटी के माइक्रो और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना ने न केवल छोटे व्यवसायों को आर्थिक स्थिरता दी, बल्कि समाज के वंचित वर्गों को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया.
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत अब तक 52 करोड़ ऋण खाते खोले गए हैं. इनमें से 50% लाभार्थी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की सफलता को देश के आत्मनिर्भरता अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
महिला सशक्तिकरण को गति
मुद्रा योजना के तहत महिलाओं को प्राथमिकता दिए जाने से उनके नेतृत्व में छोटे और मध्यम उद्योगों का विस्तार हुआ है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2016 से 2025 के बीच प्रति महिला मुद्रा लोन राशि में 13% की वृद्धि हुई है. इस योजना से न केवल महिलाओं का आत्मनिर्भरता स्तर बढ़ा है, बल्कि रोजगार सृजन को भी मजबूती मिली है.
छोटे व्यवसायों को मिला संबल
मुद्रा योजना का प्रभाव केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी व्यापार को मजबूती दी है. SKOCH की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से हर साल औसतन 5.14 करोड़ नए रोजगार सृजित हुए हैं, जिनमें अकेले PMMY के माध्यम से 2.52 करोड़ स्थिर रोजगार जोड़े गए.
योजना से सफल हुए कई उद्यमी
वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में मुद्रा योजना से लाभान्वित कुछ सफल उद्यमियों के अनुभव साझा किए गए. इनमें दिल्ली की कमलेश, जिन्होंने एक घरेलू दर्जी के रूप में अपने व्यवसाय की शुरुआत की थी, अब तीन अन्य महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही हैं. इसी तरह, बिंदु नाम की महिला, जो पहले प्रतिदिन 50 झाड़ू बनाती थीं, अब 500 झाड़ू प्रतिदिन तैयार करने वाली एक यूनिट का संचालन कर रही हैं.
योजना की सफलता और संभावनाएं
मुद्रा योजना ने छोटे उद्यमों के लिए एक मजबूत आर्थिक नींव तैयार की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की 10वीं वर्षगांठ पर कहा कि यह योजना लाखों लोगों के सपनों को साकार करने में सहायक बनी है. सरकार इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जिससे देश के हर छोटे उद्यमी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके.
यह योजना भविष्य में भी स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी.
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