इस्कंदर मिसाइल: रूस का खतरनाक और सटीक हथियार, जानिए कैसे दिया यूक्रेन के एयर डिफेंस को चकमा

    रूस ने अपनी आक्रामकता को और बढ़ाते हुए यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र निकोलाएव पर अपने प्रमुख हथियारों में से एक, इस्कंदर मिसाइल का इस्तेमाल किया है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में अब एक और बड़ा मोड़ आ गया है. रूस ने अपनी आक्रामकता को और बढ़ाते हुए यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र निकोलाएव पर अपने प्रमुख हथियारों में से एक, इस्कंदर मिसाइल का इस्तेमाल किया है. इस हमले में रूस की कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली, इस्कंदर, को यूक्रेनी सेना के तैनाती क्षेत्र पर दागा गया. इसके बाद युद्ध में और अधिक उथल-पुथल मचने की आशंका जताई जा रही है.

    इस्कंदर मिसाइल: रूस का खतरनाक और सटीक हथियार

    इस्कंदर मिसाइल, जिसे नाटो में एसएस-26 स्टोन के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक सटीक बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है. यह मिसाइल न केवल अपनी रफ्तार और क्षमता के लिए जानी जाती है, बल्कि इसकी विशेषता यह है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को आसानी से चकमा दे सकती है. इस मिसाइल की मदद से रूस को अपनी सैन्य ताकत को और अधिक प्रभावी ढंग से नष्ट करने का मौका मिलता है.

    इस्कंदर मिसाइल 2006 में रूस द्वारा पहली बार पेश की गई थी, और अब रूस के पास इसके 100 से 120 लांचर होने का अनुमान है. इनमें से प्रत्येक लांचर पर दो मिसाइलें तैनात होती हैं, और इन मिसाइलों का वजन 700 किलोग्राम तक हो सकता है. इसका मतलब यह है कि इन मिसाइलों द्वारा छोड़ा गया वारहेड अपने लक्ष्य पर जबरदस्त तबाही मचाता है.

    रेंज और रफ्तार में ख़ासियत

    इस्कंदर मिसाइल की रेंज लगभग 500 किलोमीटर तक है, यानी यह एक बड़े क्षेत्र को अपनी जद में ले सकती है. यह मिसाइल अपनी गति के कारण भी अत्यधिक खतरनाक है, क्योंकि यह एक बार लॉन्च होने के बाद मैक 6 से 7 तक की रफ्तार पकड़ सकती है. इससे दुश्मन के रडार और डिफेंस सिस्टम के लिए इस मिसाइल को इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है.

    इस मिसाइल की अर्ध-बैलिस्टिक ट्रैजेक्टरी और इसकी हवा में कलाबाजी करने की क्षमता, इसे वायु रक्षा प्रणालियों से बचने में मदद करती है. इसके अलावा, इस्कंदर में डिकॉय और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग जैसी तकनीकें शामिल हैं, जो दुश्मन के रडार को चकमा देने में मदद करती हैं.

    युद्ध की स्थिति और बढ़ती हुई आक्रामकता

    यूक्रेन और रूस के बीच फरवरी 2022 से चल रही इस जंग ने अब तीन साल से ज्यादा का समय पूरा कर लिया है. इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर न केवल हवाई हमले, बल्कि ज़मीनी हमले भी किए हैं. हालिया दिनों में युद्ध में एक नई तेजी देखने को मिली है, और रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. बुधवार को रूस ने एक ही रात में 700 से ज्यादा ड्रोन यूक्रेन पर दागे थे, जो युद्ध की बढ़ती आक्रामकता को दर्शाता है.

    भविष्य में क्या होगा?

    इस्कंदर मिसाइल का इस्तेमाल और रूस द्वारा ड्रोन हमलों की संख्या में लगातार वृद्धि से यह संकेत मिलता है कि युद्ध में तेजी आने वाली है. रूस अपनी सैन्य ताकत को और बढ़ा सकता है, जिससे संघर्ष में और जटिलता आ सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस्कंदर जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन पर दबाव बनाने के लिए किया जा सकता है, जो स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना देगा.

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