'अभी कई टारगेट बचे हैं', अब कितने ठिकानों को तबाह करेगा अमेरिका? जानें ट्रंंप के बयान के मायने

    Iran and Israel War: ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने अपने इरादे पूरी तरह स्पष्ट कर दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद एक कड़ा संदेश जारी करते हुए कहा है कि अब ईरान के पास सिर्फ दो ही रास्ते बचे हैं.

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    'अभी कई टारगेट बचे हैं'

    Iran and Israel War: ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने अपने इरादे पूरी तरह स्पष्ट कर दिए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद एक कड़ा संदेश जारी करते हुए कहा है कि अब ईरान के पास सिर्फ दो ही रास्ते बचे हैं—या तो वह शांति का रास्ता चुने, या फिर विनाश के लिए तैयार रहे.

    शनिवार की रात अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स के जरिए ईरान के फोर्दो, नातांज और इस्फहान स्थित न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया. इन हमलों के तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि "अभी और भी लक्ष्य बचे हुए हैं, और अमेरिका किसी भी समय फिर से कार्रवाई कर सकता है."

    आज रात का मिशन सबसे कठिन और घातक था”

    अपने संबोधन में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ईरान को समझना होगा कि उनका परमाणु कार्यक्रम अब नहीं चल सकता. आज रात का ऑपरेशन अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण और शायद सबसे घातक हमला था. लेकिन यह अंत नहीं है. अगर ईरान ने शांति का रास्ता नहीं चुना, तो बाकी बचे ठिकानों पर भी हम हमला कर सकते हैं और वो भी कुछ ही मिनटों में. उन्होंने अमेरिकी वायुसेना की सटीकता और साहस की तारीफ करते हुए कहा, मैं उन वीर अमेरिकियों को बधाई देता हूं जिन्होंने इस मिशन को सफल बनाया. उम्मीद है कि हमें उनकी सेवाओं की दोबारा जरूरत नहीं पड़ेगी  लेकिन अगर पड़ी, तो हम तैयार हैं.


    ईरान अब भी धमकाता है, लेकिन वक्त बदल गया है

    राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने बयान में ईरान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ईरान चार दशकों से अमेरिका और इज़रायल के खिलाफ जहर उगलता आया है और अब वक्त है कि वह अपनी हरकतों को बदले. 40 वर्षों से ईरान 'अमेरिका को मौत' और 'इज़रायल को मौत' के नारे लगाता रहा है. उन्होंने हमारे सैनिकों पर हमले किए, सड़क किनारे बम लगाकर हमारे जवानों के पैर उड़ा दिए. जनरल कासिम सुलेमानी ने सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान ली. लेकिन अब ये बर्दाश्त नहीं होगा.

    क्या अब भी बची है कूटनीति की गुंजाइश?

    ट्रंप के इस सख्त बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस सवाल पर चर्चा तेज हो गई है कि क्या अब भी कूटनीति से स्थिति को संभाला जा सकता है, या फिर यह संघर्ष एक पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रहा है. ट्रंप ने अपने संदेश के अंत में एक उम्मीद जरूर जताई. हम नहीं चाहते कि यह संघर्ष आगे बढ़े. हमें उम्मीद है कि ईरान अब शांति की राह चुनेगा.

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