पश्चिम एशिया की जमीनी हकीकत अब केवल क्षेत्रीय संघर्ष नहीं रही — ये टकराव धीरे-धीरे वैश्विक संकट का रूप लेता जा रहा है. ईरान और इजराइल के बीच जारी खूनी टकराव ने पूरी दुनिया को एक नई चिंता में डाल दिया है. हर बीतता दिन इस जंग को और भड़काता जा रहा है, और अब सवाल उठने लगे हैं — क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?
इस बीच, दोनों देशों ने अपने-अपने सैन्य ऑपरेशनों को नाम भी दे दिए हैं. इजराइल अपने मिशन को ‘Rising Lion’ (उठता हुआ शेर) कह रहा है, वहीं ईरान ने अपनी जवाबी कार्रवाई को ‘True Promise-3’ का नाम दिया है. नाम से ही ज़ाहिर है कि यह कोई सामान्य संघर्ष नहीं, बल्कि पूरी ताकत झोंकने वाला निर्णायक युद्ध बनता जा रहा है.
मिसाइलों की बरसात और धमाकों की दहाड़
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ किया है कि जब तक ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को नष्ट नहीं कर दिया जाता, हवाई हमले जारी रहेंगे. जवाब में ईरान ने चेतावनी दी है कि इजरायल पर जो 150 मिसाइलें दागी गईं, वो तो बस शुरुआत थी. अब 2,000 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च करने की तैयारी चल रही है.
इजरायल के सिस्टम को पार कर गई मिसाइलें
ईरान ने दावा किया है कि उसने इजराइल के डिफेंस सिस्टम को भेदते हुए तेल अवीव की गगनचुंबी इमारतों को मलबे में तब्दील कर दिया. वहीं, बीते 48 घंटों में इजराइल ने ईरान के कई अहम सैन्य और परमाणु ठिकानों को तबाह किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के 9 परमाणु वैज्ञानिक और 6 टॉप कमांडर मारे जा चुके हैं.
अमेरिका की खुली एंट्री, युद्ध में झोंकी ताकत
इस संघर्ष में अमेरिका अब पूरी तरह इजराइल के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी रक्षा विभाग ने इजराइल को 300 ‘हेलफायर’ मिसाइलें भेजी हैं. साथ ही, अमेरिकी THAAD एंटी मिसाइल सिस्टम ईरानी हमलों को इंटरसेप्ट कर रहा है. अमेरिकी फाइटर जेट्स ने कई ईरानी ड्रोन भी मार गिराए हैं.
“तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है”
सबसे चौंकाने वाला बयान आया है रूस से. रूस की सेना के टॉप जनरल अलाउदिनोव ने कहा है कि इजराइल के हमले के साथ ही तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने दावा किया कि क्रेमलिन से 10 लाख सैनिकों को तैयार रहने का आदेश दिया गया है. रूस अब ऐसी तैयारी कर रहा है जिससे कोई भी देश ईरान पर दोबारा हमला करने की हिम्मत न कर सके.
“इजराइल ने लाल रेखा पार की”
संयुक्त राष्ट्र में चीन ने इजराइल की कार्रवाई की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि इजराइल ने लाल रेखा पार की है. चीन ने इजराइल से संयम बरतने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की चेतावनी दी है.
युद्ध में खिंचते जा रहे हैं बड़े खिलाड़ी
अब जब अमेरिका इजराइल के साथ खुलकर मैदान में है, और रूस व चीन ईरान के समर्थन में खड़े हैं, तब यह साफ हो रहा है कि यह टकराव अब द्विपक्षीय नहीं रहा.
प्रॉक्सी वॉर का भी खतरा
ईरान के पास पहले से ही मजबूत प्रॉक्सी नेटवर्क है — हिज़्बुल्लाह, हमास और हूती विद्रोही जैसे संगठन इस संघर्ष में सक्रिय हो सकते हैं. वहीं इजराइल को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और कई यूरोपीय देशों का समर्थन प्राप्त है. पश्चिमी एशिया में अमेरिका के करीब 40,000 सैनिक तैनात हैं, जो किसी भी बड़ी प्रतिक्रिया में सीधे शामिल हो सकते हैं.
“इजराइल के मददगार भी हमारे दुश्मन होंगे”
ईरान ने दो टूक शब्दों में कहा है कि जो देश इजराइल की सैन्य सहायता करेगा, वो ईरान का दुश्मन माना जाएगा. अरब सागर और लाल सागर में उन देशों के जहाजों को निशाना बनाया जाएगा.
क्या बचे हैं कूटनीतिक विकल्प?
अब नजरें टिकी हैं कि क्या वैश्विक शक्तियां इस युद्ध को कूटनीतिक तरीके से रोक पाएंगी या फिर ये लड़ाई इंसानियत को एक और विश्व युद्ध में झोंक देगी.विशेषज्ञों की मानें तो अगले 72 घंटे बेहद अहम हैं. ब्रिटिश मीडिया समूह Mirror की ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि हालात काबू में नहीं आए, तो वर्ल्ड वॉर थ्री की संभावना 30-40% तक बढ़ सकती है.
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